बाएं बाज़ू पार्टियों को एक प्लेटफार्म पर लाने सी पी आई की मसाई(प्रयास)
सी पी आई जनरल सैक्रेटरी सुधाकर रेड्डी ने आज कहा कहियो पी ए और एन डी ए के ख़िलाफ़ तीसरा महाज़(मोर्चा) बनाने के लिए तमाम बाएं बाज़ू पार्टियां एक प्लेटफार्म पर जमा होंगी। यू पी ए और एन डी ए का मुतबादिल तशकील(विकल्प गठन) देना चाहते हैं। अगर तमाम बाएं बाज़ू ताकतें एक जगह हो जाएं तो एक मज़बूत ताक़त बनाने में आसानी होगी।
एक प्लेटफार्म से यू पी ए और एन डी ए का मुक़ाबला किया जा सकेगा। सुधाकर रेड्डी ने राबर्ट वडरा की इमलाक(संपत्ति) की तहकीकात कराने का मुतालिबा(मांग) किया। उन्हों ने यू पी ए हुकूमत पर इल्ज़ाम आइद किया कि वो कॉरपोरेट और बैरूनी सरमाया कारों(investors) से मुफ़ादात का तहफ़्फ़ुज़ कररही है।
मुल्क के आम आदमी के मुफ़ाद पर दूसरों को फ़ायदा पहुंचाया जा रहा है। पार्ल्यमंट में जब एफ डी आई के मसले पर मुबाहिस का वक़्त आया तो तमाम पार्टियों ने एफ डी आई की मुख़ालिफ़त(विरोध) की। तृणमूल कांग्रेस ने जब ताईद वापिस ली तो अपोज़ीशन पार्टियों ने मुल्क गैर बंद भी मनाया, जिस में अवाम ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।
रीटेल शोबा में एफ डी आई के ख़िलाफ़ अवाम का एहतिजाज(विरोध ) इस बात का सबूत है कि अवाम एफ डी आई को हरगिज़ क़बूल नहीं करते। अवाम की मर्ज़ी के ख़िलाफ़ यू पी ए हुकूमत एफ डी आई के ताल्लुक़(संबंध) से अपने फैसले पर क़ायम है। उन्हों ने कहा कि इन की पार्टी वज़ीर-एआज़म(प्रधानमंत्री) से अपील करती है कि वो सयासी पार्टियों की राय ध्यान में रख कर फैसला वापिस लिया जाय।
रीटेल शोबा में एफ डी आई से हिंदूस्तान के गरीब अवाम मुतास्सिर(प्रभावित) होंगे। बेरोज़गारी में इज़ाफ़ा होने का अंदेशा ज़ाहिर किया जा रहा है। बाएं बाज़ू पार्टियों के बिशमोल दीगर सयासी जमातों ने एफ डी आई की मुख़ालिफ़त(विरोध) की थी। बादअज़ां कुछ पार्टियों ने हुकूमत की बाहर से ताईद करते हुए दरपर्दा एफ डी आई का साथ दिया है। सी पी आई ने हुकूमत की मुख़ालिफ़(विरोधी ) अवाम पालिसीयों के ख़िलाफ़ एहतिजाज(विरोध) करने और दीगर(अन्य) पार्टियों को साथ लेकर इत्तिहाद(एकता) क़ायम करने का फैसला किया है।