यू पी ए हुकूमत की दुबारा ताईद ख़ारिज अज़ बेहस

चेन्नाई 30 मार्च (पी टी आई) डी ऐम के के सरबराह और तमिलनाडु के साबिक़ चीफ़ मिनिस्टर ऐम करूणानिधि ने कांग्रेस की ज़ेर-ए-क़ियादत यू पी ए हुकूमत से अलैहदगी के बावजूद मर्कज़ी हुकूमत से उनकी पार्टी के ख़ुशगवार ताल्लुक़ात या नरम गोशा रखने की इत्तिलाआत को आज सख़्ती के साथ मुस्तर्द कर दिया और कहा हत्ता कि इस हुकूमत की बाहर से ताईद भी नहीं की जाएगी क्योंकि बाक़ौल उनके यू पी ए हुकूमत श्रीलंका में तमिलों के मसले पर उनकी पार्टी के मुतालिबात को क़बूल करने में नाकाम होगई है।

मिस्टर करूणानिधि ने 19 मार्च को यू पी ए हुकूमत की ताईद से डी ऐम के की दसतबरदारी के ऐलान को याद दिलाते हुए कहा कि उस रोज़ भी उन्होंने ये भी वाज़िह कर दिया था कि अब यू पी ए की बाहर से ताईद भी नहीं की जाएगी और अगर मर्कज़ में फ़िक़ाप‌रस्त क़ुव्वतें बरसर-ए-इक्तदार आती हैं तो इस के लिए भी डी ऐम के ज़िम्मेदार नहीं होगी।

मिस्टर करूणानिधि ने यू पी ए हुकूमत को अपनी पार्टी की जानिब से बाहर से ताईद किए जाने की गुमराह कुन इत्तिलाआत को सख़्ती से मुस्तर्द कर दिया और कहा कि हमारा मौक़िफ़ ये भी है कि श्रीलंका की हुकूमत की जानिब से तमिलों की नसल कुशी के अलावा जंगी जराइम के आज़ाद और मोतबर ज़राए से मुकम्मल तहक़ीक़ात की जाएं।

उन्होंने कहा कि यू पी ए से हम महिज़ इस लिए अलैहदा होगए हैं कि इस इत्तिहाद ने हमारे मुतालिबात को क़बूल करने से इनकार कर दिया है। रियास्ती चीफ़ मिनिस्टर जय ललिता ने डी ऐम के जनरल सैक्रेटरी अंबाज़ अगन के एक बयान पर करूणानिधि की ख़ामोशी पर सवालात उठाए हैं।

तमिल‌ इल्म और दूसरों के बारे में रैफ़रंडम के लिए तमिलनाडु असेम्बली में क़रारदाद की मंज़ूरी से मुताल्लिक़ एक सवाल पर 88 साला करूणानिधि ने कहा कि फ़ीसको कान्फ़्रैंस में गुज़िश्ता साल ऐसी क़रारदाद मंज़ूर की है और डी ऐम के लीडर के वीरामणि और वे सी के बानी तरो माइ लाइन ने इस का खैरमक़दम किया था।

मर्कज़ी वज़ीर जहाज़रानी बी के वासन के इस शख़्सी नज़रिये पर कि दौलत-ए-मुश्तरका कान्फ़्रैंस के मुक़ाम कोलंबो को तबदील किया जाये। मिस्टर करूणानिधि ने कहा कि ये एक काबिल-ए-सताइश बयान है लेकिन में ख़ाहिश करता हूँ कि इन (वासन) की पार्टी कांग्रेस का भी ऐसा ही मौक़िफ़ होना चाहीए।