उत्तरप्रदेश के वज़ीर सेहत मिस्टर अहमद ने आज यहां बेहद सख़्त लब-ओ-लहजा में नरेंद्र मोदी और अमीत शाह की टोली को आगाह किया है कि अगर उन्होंने उत्तरप्रदेश को गुजरात बनाने का मंसूबा बनाया तो अखीलेश हुकूमत उन से पूरी सख़्ती के साथ निमटेगी और गुजरात बी जे पी लीडरों के इन मंसूबों को पूरे नहीं होने देगी। उन्होंने कहा कि पिछ्ले कई रोज़ से मग़र जो फ़िर्कावाराना मुनाफ़िरत की सियासत, आग और ख़ून की होली खेली जा रही है, वो बेहद अफ़सोसनाक और शर्मनाक है।
हुकूमत हालात को क़ाबू में लाने और फ़सादीयों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई कर रही है जिस के बहुत जल्द ख़ातिरख़वाह नताइज बरामद होंगे। उन्होंने कहा कि मग़रिबी उत्तरप्रदेश में दाढ़ी, टोपी वाले मुस्लमानों पर हमले, उनको ट्रेनों से फेंके जाने के वाक़ियात ट्रायल हैं जिनको बी जे पी, मोदी की टीम यूपी में लोक सभा के इलेक्शन से क़बल करने की कोशिश में है। इसी तरह के तजुर्बात नरेंद्र मोदी गुजरात में कर चुके हैं।
मिस्टर अहमद ने कहा कि फ़सादाद पर क़ाबू पाने में नाकाम अहलकारों के ख़िलाफ़ तादीबी कार्रवाई ज़रूर की जाएगी, ज़रा हालात बेहतर होने के बाद। उत्तरप्रदेश एक सेकूलर रियासत है। यहां मुलायम सिंह यादव और अखीलेश यादव जैसे मज़बूत इरादों के मालिक सेकूलर लीडर्स हैं। वो कभी भी इस रियासत को हिंदू रियासत नहीं बनने देंगे। बी जे पी चाहे जितनी साज़िश करले, कामयाब नहीं होसकेगी।
उन्होंने कहा कि ये हक़ीक़त है कि उत्तरप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी, नरेंद्र मोदी, अमीत शाह की क़ियादत पूरी ताक़त के साथ मुनज़्ज़म होरही है। वज़ीर सेहत ने कहा कि हिन्दुस्तान की सियासत का इस से बड़ा अलमीया और क्या हो सकता है कि जिस गुजरात में नरेंद्र मोदी ने 2002 में मुस्लमानों की सरकारी नसल कुशी कराई, वही नरेंद्र मोदी तवातर के साथ तीन मर्तबा से गुजरात असेम्बली के इलेक्शन जीत रहे हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात मुल्क की वाहिद रियासत है जहां निस्फ़ दर्जन से ज़ाइद आई पी एस आफ़िसरान जिन में डाइरेक्टर जनरल पुलीस की सतह तक के आफ़िसरान हैं, वो मुस्लमानों के फ़र्ज़ी एनकाउंटरों में मुस्लमानों की नसल कुशी के मामलात में सी बी आई और दीगर जांच एजंसियों जिस की निगरानी सुप्रीम कोर्ट ने की है, वो जेलों में बंद हैं जिस में डी जी वंज़ारा भी हैं जिन्होंने मुस्लमानों के एनकाउंटरस और नसल कुशी के मामलात में अपने रोल की बाबत साफ़ कहा है कि उन्होंने ये सब कुछ नरेंद्र मोदी और अमीत शाह की पॉलीसी के मुताबिक़ किया।
विज़ारा ने जेल से आई पी एस मुलाज़मत से इस्तीफ़ा भी दे दिया है। उन्होंने कहा कि गुजरात में मुस्लमानों की नसल कुशी में आई पी एस आफ़िसरान भी बराबर के शरीक रहे, लेकिन मर्कज़ की यू पी ए हुकूमत ने बरसर-ए-इक़तिदार आने के बाद भी उसे आई पी एस आफ़िसरान की ना तो ए-ए-स्क्रीनिंग कराई और ना ही उनके ख़िलाफ़ तादीबी कार्रवाई। इस के बरअक्स उत्तरप्रदेश की अखीलेश यादव हुकूमत ने गौतमबुद्ध नगर की एस डी एम दुर्गा शक्ति नागपाल आई ए एस को जो का दिल पर क़स्बा में बिलकुल गैर ज़रूरी महिज़ तास्सुब और मुस्लिम दुश्मनी की बिना पर वहां एक मस्जिद की दीवार मुनहदिम करा दी थी, उसको वज़ीर-ए-आला ने फ़िलवक़्त मुअत्तल करके फ़र्द-ए-जुर्म पेश कर दिया।
हालाँकि उनकी मुअत्तली पर अपोज़ीशन और मर्कज़ की यू पी ए हुकूमत ने काफ़ी शोर-ओ-गुल किया था, लेकिन अखीलेश यादव अपने मौक़िफ़ पर अटल रहे। दुर्गा शक्ति नागपाल के मामले में उन्होंने चीफ मिनिस्टर अखीलेश यादव और सदर एस पी मुलायम सिंह यादव को पूरी सूरत-ए-हाल से वाक़िफ़ कर वाया। उन्होंने कहा कहि यू पी में मोदी चाहे जो कुछ करले, लेकिन समाजवादी पार्टी का कुछ नहीं बिगाड़ सकेंगे।
समाजवादी पार्टी अगले इंतेख़ाबात में साबिक़ा इंतेख़ाबात से ज़्यादा नशिस्तें ज़रूर हासिल करेगी। वज़ीर सेहत उत्तरप्रदेश ने कहा कि अखीलेश यादव हुकूमत देढ़ साल के दौर-ए-हकूमत में मुस्लमानों के हक़ में इतने ज़बरदस्त कारनामे अंजाम दे चुकी है जो क़बल अज़ीं यू पी में कभी नहीं हुए। अखीलेश यादव हुकूमत ने रियासत के 85 तरक़्क़ियाती मंसूबों के लिए मुख़तस रक़म की 20 फ़ीसद अक़ल्लीयतों और मुस्लमानों की फ़लाह-ओ-बहबूद के लिए मख़सूस करदी है।
ये सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशात से भी कहीं ज़्यादा और मुस्लमानों के लिए काफ़ी फ़ायदेमंद है। लखनऊ में उर्दू। अरबी। फ़ारसी यूनीवर्सिटी ख़्वाजा मैन अलुद्दीन चिशती रहमतुल्लाह अलैहि के नाम से क़ायम की गई है और दरस-ओ-तदरीस भी शुरू हो चुकी है। इस के वाइस चांसलर नामवर अदीब और दानिश्वर सबकदोश आई ए एस ओहदेदार अनीस अंसारी हैं जिन्हें तीनों ज़बानों पर उबूर हासिल है।
सरकारी हॉस्पिटल्स में मुक़र्रर किए जाने वाले डॉक्टर्स का 20 फ़ीसद मुस्लिम डाक्टर हैं। अगले साल तक 100 से ज़्यादा सरकारी हॉस्पिटल्स के क़ियाम का मंसूबा है जिनकी 40 फ़ीसद जायदादों पर मुस्लमानों का तक़र्रुर किया जाएगा। तारिक़ क़ासिमी और ख़ालिद मुजाहिद के बारे में एक रुकनी तहक़ीक़ाती कमीशन क़ायम किया गया है।