यू पी में मुस्लिम वोट की एहमीयत

मुल्क् की सब से बड़ी रियासत उत्तर प्रदेश में मुस्लिम वोट की एहमीयत बढ़ गई है जब ही तो असैंबली इंतिख़ाबात से क़बल कांग्रेस मुस्लमानों को तालीम और रोज़गार में तहफ़्फुज़ात की बात कर रही है ।

रंगनाथ कमीशन और सच्चर कमेटी की सिफ़ारिशात पर अमल आवरी के वादों के लॉलीपॉप फिर से दिए जा रहे हैं और इस के जवाब में चीफ़ मिनिस्टर उत्तर प्रदेश-ओ-सरबराह बहुजन समाज पार्टी मावयाती ने कांग्रेस की मुस्लिम दुश्मनी को बेनकाब किया है और ये खरी खरी सुनाई है कि कांग्रेस चालीस बरस उत्तर प्रदेश् में राज कर चुकी है और इस पार्टी की हुकूमत में मुस्लमान मुसलसल ख़ौफ़ की ज़िंदगी गुज़ारते रहे और मुस्लमानों के मज़हब , जान , माल इज़्ज़त-ओ-आबरू की कोई ज़मानत नहीं थी|

यहां तक कि मुस्लमानों को उन के दस्तूरी हुक़ूक़ से तक महरूम रखा गया एक यू पी का ही किया तज़किरा है मुल्क में मर्कज़ और अक्सर रियास्तों में ज़्यादा अर्सा इक़तिदार कांग्रेस का ही रहा है मर्कज़ में कांग्रेस के इक़तिदार में ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद का इन्हिदाम हुआ ।

बाबरी मस्जिद की क़ुफ़ल शिकनी , शिल्नयास् का आग़ाज़ बाक़ायदा पूजापाठ‌ की शुरूआत सब कुछ कांग्रेस के इक़तिदार में ही हुए , ज़्यादा तर मुस्लिम कश फ़सादाद कांग्रेस के राज में हुए । अलीगढ़ मुस्लिम यूनीवर्सिटी के इस्लामी किरदार का ख़ातमा भी कांग्रेस के इक़तिदार में हुआ सितम बालाए सितम उस वक़्त मर्कज़ी वज़ीर-ए-ताअलीम मुस्लमान समझे जाने वाले क्रीम भाई छागला थे ।

मायावती ने अवाम को आवाज़ दी है कि वो इस बात को यक़ीनी बनाईं कि कांग्रेस यू पी में इक़तिदार पर वापिस ना आए यू पी में गुज़श्ता 22 बरस से कांग्रेस इक़तिदार पर वापसी के लिए हाथ पैर मार रही है । अगरचे उस वक़्त बी जे पी और समाजवादी पार्टी के कमज़ोर मौक़िफ़ की वजह से बज़ाहिर कांग्रेस मज़बूत नज़र आ रही है लेकिन हक़ीक़त ये है कि उत्तर प्रदेश् के अवाम का एतिमाद मायावती को ही हासिल है और अक़ल्लीयतों के ताल्लुक़ से बहैसीयत मजमूई मायावती हुकूमत का रिकार्ड साफ़ है|

मायावती ने बजा तौर पर कहा है कि इन की हुकूमत ने काशी और मथुरा को अयोध्या बनने से रोका है उन के इस ब्यान का मतलब यही है कि उन्होंने जारिहाना फ़िर्क़ा परस्तों की चीरा दस्तियों से काशी और मथुरा की मसाजिद को महफ़ूज़ रखा है जबकि काशी और मथुरा की मसाजिद बदनाम-ए-ज़माना सिंह परिवार के निशाने पर हैं ।

उत्तर प्रदेश को चार रियास्तों में तक़सीम करने की मायावती हुकूमत की तजवीज़ भी अक़ल्लीयतों के हक़ में है छोटी रियास्तों की तशकील से अक़ल्लीयतें उभर कर आती हैं और अवामी ऐवान में इन की ताक़त में इज़ाफ़ा होता है और वो बावक़ार अंदाज़ में इक़तिदार का हिस्सा बन सकते हैं यू पी की चार रियास्तों में तक़सीम के बाद एक रियासत तो अक़ल्लीयतों की अक्सरीयत वाली रियासत होगी और इस रियासत का इक़तिदार अक़ल्लीयतों के हाथों में होगा ।

मायावती का कहना है कि मौजूदा उत्तर प्रदेश असैंबली के 110 हलक़ा ऐसे हैं जहां तवाज़ुन क़ुव्वत मुस्लमानों के हाथ में है । चीफ़ मिनिस्टर यू पी ने बिहार के भागलपुर और जमशेद पुर के फ़िर्कावाराना तशद्दुद और भरतपुर राजस्थान के हालिया फ़िर्कावाराना फ़साद के हवाले से ब्यान किया कि ये सब कुछ कांग्रेस के इक़तिदार में हुआ।

उन्होंने इल्ज़ाम लगाया कि आज़ादी के बाद से कांग्रेस ने हमेशा मुस्लमानों के साथ दग़ाबाज़ी की और मुस्लमानों को महिज़ वट बंक की हैसियत से इस्तिमाल किया गया और बदले में मुस्लमानों को सिर्फ झूटे तीक़नात दिए गए मायावती ने मुस्लमानों की फ़लाह-ओ-बहबूद केलिए अपनी हुकूमत के इक़दामात का तदकरा किया और मुस्लिम तहफ़्फुज़ात केलिए बी एस पी की ताईद का इज़हार किया ।

मायावती को चाहीए कि मुस्लिम तहफ़्फुज़ात केलिए अमली इक़दामात करें उन्हों ने बी जे पी , आर एस एस , विश्वा हिन्दू परिषद और बजरंग दिल को बढ़ावा देने केलिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार क़रार दिया , मायावती को ये नहीं भूलना चाहीए कि साबिक़ में वो बी जे पी के इश्तिराक से मख़लूत हुकूमत बना चुकी हैं|

मुस्तक़बिल में ऐसी संगीन ग़लती का इआदा नहीं होना चाहीए सैकूलर जमातों के नरम रवैय्या की वजह से ही बी जे पी को इस्तिहकाम मिला है मायावती ने चंद अफ़राद की ग़लत कारीयों पर पूरे मुस्लिम फ़िर्क़ा को दहश्तगर्द क़रार देने के तर्ज़ अमल की मुज़म्मत की है और कहा कि 1984 -ए-के बाद सिखों के साथ भी इसी किस्म का रवैय्या इख़तियार किया गया था।