यू पी में फ़िर्कावाराना फ़सादाद की तहक़ीक़ात के मुतालिबा में शिद्दत

लखनऊ, २८ नवंबर ( सियासत न्यूज़) मुबय्यना मुस्लिम दहशतगर्दों की रिहाई के मुतालिबा पर ज़ोर देने के लिए रिहाई मंच के कारकुनों ने आज यहां कौंसल हाउस के सामने धरना दिया । धरने में साबिक़ एम पी सुभाषिनी अली साबिक़ इन्सपेक्टर जनरल पुलिस ए एस दारा पूरा मेगामैसे एवार्ड याफ़ता संदेप पाण्डेय शाहनवाज़ आलम मुहम्मद शुऐब एडवोकेट मुहम्मद सुलेमान राजीव यादव समेत दर्जनों क़ौमी इंसानी आर्गेनाईज़ेशन के कारकुनों ने किया ।

मुक़र्ररीन ने अखिलेश यादव हुकूमत पर इल्ज़ाम लगाया है कि इसने अपने इंतेख़ाबी मंशूर में वायदे के बाद भी आठ महीने की अपनी हुकूमत में किसी भी मुबय्यना मुस्लिम दहशतगर्द को रिहा नहीं किया और ना ही उनके मुक़द्दमात पर नज़रेसानी की ।

उलटे समाजवादी पार्टी की हुकूमत ने कचहरी बम धमाकों के मुबय्यना मुस्लिम दहशतगर्द हकीम तारिक़ क़ासिमी ओरम वलाना ख़ालिद मुजाहिद की गिरफ़्तारी की जांच करने वाले सबकदोश जज आर डी निमेश कमीशन की रिपोर्ट जो सितंबर में हुकूमत को दाख़िल की गई है इस रिपोर्ट को सर दिखाने में डाल दिया है ।

मुक़र्ररीन ने हुकूमत पर इल्ज़ाम लगाया है कि अखिलेश यादव के आठ महीने के दौर‍ ए‍ इक्तेदार में आठ फ़िर्कावाराना फ़सादाद हो चुके हैं लेकिन हुकूमत ने किसी भी फ़िर्कावाराना फ़साद की तहक़ीक़ात नहीं करवाई । रिहाई मंच ने फ़सादाद की तहक़ीक़ात कराने का मुतालिबा किया है ।

मुक़र्ररीन ने कहा कि अगर अखिलेश यादव हुकूमत बेख़ता बेक़सूर मुस्लिम नौजवानों को इस मरहले पर रिहा नहीं करती है तो उनकी ज़िंदगीयां बर्बाद हो जाएंगी। हुकूमत को तो पद्म भूषण वग़ैरा के एज़ाज़ देना चाहीए । मुक़र्ररीन के बमूजब मुख़्तलिफ़ अदालतों रियास्तों से बे ख़िताब बेक़सूर मुस्लिम नौजवान रिहा किए जा रहे हैं अगर यू पी में ऐसा होता है तो इसमें क्या क़बाहत है ।

रिहाई मंच के कारकुनों ने रियासत के डायरेक्टर जनरल पुलिस शर्मा पर इल्ज़ाम लगाया है कि वो ख़ुद फ़िर्कावाराना पस-ए-मंज़र रखते हैं जिसका इज़हार 1992 में कानपूर में हुए फ़िर्कावाराना फ़सादाद की तहक़ीक़ात करने वाले जस्टिस नाथ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में उन्हें कुसूरवार ठहराया था और कहा था कि उन्होंने कानपूर के कप्तान पुलिस रहते हुए अपनी आईनी ज़िम्मेदारीयों को सही ढंग से पूरी नहीं की थी।

मुक़र्ररीन ने कहा कि जिस रियासत का पुलिस का सरबराह कम़्यूनल होगा इस रियासत में भला अमन-ओ-चैन कैसे होगा । धरने में रिहाई मंच के इलावा सोशलिस्ट पार्टी मुस्लिम मजलिस पीस फ़ा समेत मुख़्तलिफ़ तंज़ीमों के नुमाइंदों के इलावा मुतास्सिरा ख़ानदान वालों ने भी शिर्कत की ।

रिहाई मंच ने मौलाना शकील की गिरफ़्तारी के लिए एक अदालती कमीशन की तशकील का मुतालिबा किया है ।