यू पी : शीया वक़्फ़ बोर्ड की तहलील पर मुतास्सिरा फ़रीक़ को भी सुना जाय

इलहाबाद हाईकोर्ट के चीफ़ जस्टिस अमीत लाल की सरबराही वाली हाईकोर्ट लखनऊ की दो रुकनी बंच ने आज शीया सैंटर्ल वक़्फ़ बोर्ड के चेयरमैन वसीम रिज़वी
को हटाए जाने और 31 अगस्त को वक़्फ़ बोर्ड को तहलील किए जाने के जवाज़ को चैलेंज करनेवाली रिट पर समाअत करते हुए फ़ाज़िल बंच ने रियास्ती हुकूमत को
हिदायत दी कि वो अपने 31 अगस्त के साबिक़ा फ़ैसले के एक माह के अंदर मुतास्सिरा फ़रीक़ यानी वसीम रिज़वी के मौक़िफ़ को भी सुने, इस के बाद अपना
फ़ैसला करे।

इलहाबाद हाईकोर्ट में ये रिट वसीम रिज़वी ने अपने वकील रियासत के साबिक़ ऐडवोकेट जनरल जे एन माथुर ऐडवोकेट के तवस्सुत से दाख़िल की थी
जिस में उन्हों ने कहा था कि शीया वक़्फ़ बोर्ड को वक़्फ़ क़ानून की रो से तहलील किए जाने से मर्कज़ी हुकूमत से मंज़ूरी लेनी ज़रूरी है जो शीया वक़्फ़
बोर्ड की तहलील के मुआमले में नहीं किया गया।

रिट में दरख़ास्त गुज़ार ने लखनऊ के बड़े शीया आलम दीन मौलाना कलब-ए- जव्वाद मुज्तहिद पर औक़ाफ़ की
जायदादों में ख़िरद बुरद किए जाने और उन को वक़्फ़ बोर्ड से हटवाने में अपने सयासी असर-व-रसूख़ का इस्तिमाल किए जाने वग़ैरा के भी इल्ज़ामात लगाए
हैं। इस मुक़द्दमा मैं रियास्ती हुकूमत की जानिब से रियासत के ऐडीशनल ऐडवोकेट जनरल मिस्टर ज़फ़रयाब जीलानी ऐडवोकेट हाज़िर हुए थे। उन्हों ने
हुकूमत की तरफ़ से जवाब दाख़िल क्या, अब इस रिट पर समाअत अक्तूबर के पहले हफ़्ता मैं होसकती है।