यू पी हुकूमत फ़सादात‌ को रोकने में नाकाम : अदालत

अखिलेश यादव की यू पी हुकूमत को बादियुन्नज़र में मुज़फ़्फ़र नगर और मतसला इलाक़ों के फ़िर्कावाराना फ़सादात‌ को रोकने में लापरवाही का मुर्तक़िब क़रार दिया। लेकिन मुक़द्दमात की रास्त सी बी आई या एस आई टी तहक़ीक़ात करवाने से गुरेज़ किया।

सुप्रिम कोर्ट के चीफ़ जस्टिस पी सथासिवम की ज़ेरे क़ियादत एक बेंच ने मुक़द्दमात में मुनासिब सरमायाकारी के लिए हिदायात का एक सिलसिला जारी किया और कहा कि फ़िर्कावाराना फ़सादात‌ के मुतास्सिरीन की जल्द अज़ जल्द बाज़ आबादकारी की जाये। अदालत ने अपने तबसरे में कहा कि हम बादियुन्नज़र में रियास्ती हुकूमत को एसे वाक़ियात की रोक थाम में लापरवाही का ज़िम्मेदार क़रार देते हैं।

अदालत ने कहा कि रियासती हुकूमत मुनासिब इक़दामात कररही थी और इस ने ख़ुसूसी तहक़ीक़ाती शोबे से मुशावरत की थी ताकि मुख़्तलिफ़ मुक़द्दमात की तहक़ीक़ात करवाई जाएं इस लिए सी बी आई या एस आई टी को मौजूदा मरहले पर तहक़ीक़ात की हिदायत देना मुनासिब ना होगा।

अदालत ने ओहदेदारों को हिदायत दी कि तमाम मुल्ज़िमीन पर उनकी सियासी वाबस्तगी मुक़द्दमात क़ायम किए जाएं। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी हिदायत दी कि मुतास्सिरीन और उनके अरकाने ख़ानदान को रियासती हुकूमत की जानिब से मुक़द्दमे की तकमील तक तहफ़्फ़ुज़ फ़राहम किया जाये।

सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हुक्म जारी किया कि रियासती हुकूमत मुक़द्दमात की मुनासिब तहक़ीक़ात करवाए। ताहम सी बी आई को तहक़ीक़ात की हिदायत देने से गुरेज़ किया। अदालत ने कहा कि चंद दरख़ास्तें दाख़िल की गई थीं जिन में मर्कज़ और यूपी हुकूमत को हिदायात देने की गुज़ारिश की गई है ताकि रियासत में फ़िर्कावाराना झड़पों की वजह मालूम की जा सके।

मफ़ाद-ए-आम्मा की ये दरख़ास्तें मुतास्सिरा अफ़राद की मुनासिब बाज़ आबादकारी और तशद्दुद के मृतकबीन पर मुक़द्दमे दायर करने की दरख़ास्त पर मुश्तमिल हैं।