करीबी बाएतिमाद साथी रुक्न क़ानूनसाज़ काउंसल लहर सिंह का दौरा दिल्ली, मर्कज़ी क़ियादत से मुलाक़ातें
बी जे पी के साबिक़ क़ाइद बी एस. येदियुरप्पा ने पार्टी में वापसी की अपनी कोशिशों में शिद्दत पैदा करदी है। उन्होंने क़ौमी दार-उल-हकूमत को अपना एलायची रवाना किया है ताकि सीनियर क़ाइदीन जैसे आडवाणी, राजनाथ सिंह और अरूण जेटली से मुलाक़ात कर केजेपी की बी जे पी में इंज़िमाम की राह हमवार करसकें। येदियुरप्पा चीफ मिनिस्टर कर्नाटक के ओहदे से मुस्ताफ़ी होगए थे जबकि उन्हें लोक आयुक्त ने धोका दही के एक मुक़द्दमे में मुलविव्स होने की निशानदेही की थी।
उन्होंने नरेंद्र मोदी को विज़ारते उज़मा का उम्मीदवार नामज़द करने के बाद बी जे पी में वापसी पर आमादगी ज़ाहिर करते हुए कहा था कि वो गुज़िश्ता साल दिसम्बर में बी जे पी से तर्क-ए-ताल्लुक़ कर के कर्नाटक जनता पार्टी क़ायम करचुके हैं लेकिन पार्टी की आमिला का एक इजलास मुनाक़िद किया गया है जिस में मोदी को विज़ारते उज़मा का उम्मीदवार मुक़र्रर करने की सताइश की गई है और के जे पी के बी जे पी में इंज़िमाम के लिए खुला ज़हन रखने का ऐलान किया गया है , बशर्ते कि बी जे पी में इस मसले पर इत्तिफ़ाक़ राय पैदा हो।
येदियुरप्पा ने अपने करीबी बाएतिमाद साथी रुकन क़ानूनसाज़ काउंसल लेहर सिंह को बी जे पी के सीनियर क़ाइदीन बिशमोल आडवाणी , जेटली से मुलाक़ात करने दिल्ली रवाना किया है। उन्होंने कहा कि अगर बी जे पी की मर्कज़ी क़ियादत और कर्नाटक की बी जे पी क़ियादत ने इस मसले पर इत्तेफ़ाक़ राय पैदा ना हो तो येदयुरप्पा बी जे पी में वापसी के लिए राज़ी नहीं होंगे। वो जानते हैं कि अनक़रीब उनके चीफ मिनिस्टर बनने का कोई इमकान नहीं है।
लोक सभा इंतेख़ाबात करीब हैं और उनकी बी जे पी में वापसी से पार्टी का फ़ायदा होसकता है। मुबय्यना तौर पर येदियुरप्पा का गुज़िश्ता चंद माह से मोदी के साथ रब्त बरक़रार है। उन्होंने उन के विज़ारत अज़मी का उम्मीदवार मुक़र्रर होने पर मुबारकबादी का एक पैग़ाम भी रवाना किया था। जारीया साल के अवाइल में बी जे पी और के जे पी दोनों का इंतेख़ाबी मुज़ाहरा असेम्बली इंतेख़ाबात के दौरान इंतेहाई ना क़स रहा है। ताहम दोनों पार्टियों के मजमूई वोट हनूज़ ज़्यादा है।