येदि यूरप्पा के हामीयों की मुहिम में शिद्दत

बैंगलोर, २८ सितंबर ( पी टी आई) अब जबकि बी जे पी की मर्कज़ी क़ियादत पार्टी की कर्नाटक यूनिट के लिए नए क़ाइद ( लीडर) के तक़र्रुर की तैयारीयों में है वहीं साबिक़ वज़ीर-ए-आला ( पूर्व मुख्य मंत्री) येदि यूरप्पा के हामीयों ने उन की ताईद में अपनी मूसिर (शक़्तिशाली अभियान) मुहिम का आग़ाज़ ( शुरू) कर दिया ।

याद रहे कि बी एस यदि यूरप्पा कर्नाटक की वज़ारत आला पर दुबारा फ़ाइज़ होने का ख़ाब देख रहे हैं जिसे वो जल्द से जल्द शर्मिंदा ताबीर करना चाहते हैं । येदि यूरप्पा के हामीयों ने वज़ीर बराए पब्लिक वर्क़्स सी एम अडासी की रिहायश गाह पर मुलाक़ात की जहां उन्होंने मौजूदा सूरत-ए-हाल का जायज़ा लिया और हाईकमान की जानिब से के एस इश्वर पा के जांनशीन के तौर पर किस नाम को क़तईयत दी जाएगी इस नुक्ता पर भी ग़ौर किया ।

याद रहे कि एस इश्वर पा ने हाल ही में जगदीश शटर वज़ारत में शमूलीयत इख़तियार की है । दरीं असना ( इसी दौरान) मिस्टर अडासी ने मज़ीद तफ़सीलात बताने से इनकार कर दिया और सिर्फ इतना कहा कि नए सदर की तक़र्रुरी का फ़ैसला वो नहीं बल्कि हाईकमान करेगी ।

इस मौक़ा पर वज़ीर आबकारी ( Excise Minister) रेनूका ने येदि यूरप्पा की ज़बरदस्त हामी हैं ने ये नुक्ता भी उठाया कि साबिक़ वज़ीर-ए-आला ( येदि यूरप्पा) एक अवामी क़ाइद हैं और उन्हें महिज़ (सिर्फ) लनगाएत बिरादरी तक महिदूद ( सीमित) कर देना मुनासिब नहीं है ।

ज़राए के मुताबिक़ येदि यूरप्पा के हामीयों ने ये फ़ैसला किया है कि अवाम से येदि यूरप्पा की ताईद ( समर्थन) हासिल करने के लिए रियासत के मुख़्तलिफ़ हिस्सों का दौरा किया जाए । यहां इस बात का तज़किरा भी ज़रूरी है कि येदि यूरप्पा को हमेशा ये शिकायत रही है कि वज़ीर-ए-आला के ओहदा से हटने के लिए उन पर दबाव डाला गया था और बादअज़ां उन्हें हमेशा नजरअंदाज़ करने की पालिसी अपनाई गई । इस वजह से उन्होंने बी जे पी के क़ौमी आमिला ( ऱाष्ट्रीय कार्यकारिणी) के इजलास ( सभा) का भी बाईकाट किया था ।