येरूशलम मार्च रोक देने अरब ममालिक और फ़लस्तीनीयों पर इसराईल का ज़ोर

गुज़शता साल नुक़सा और नक़बा मार्च के मौक़ा पर मोहलिक झड़पों के पेशे नज़र जो इसराईल की शुमाली सरहद पर हुई थीं, इसराईल ने आज अरब ममालिक और फ़लस्तीनीयों को सख़्त इंतेबाह देते हुए ख़ाहिश की कि येरूशलम मार्च को इसराईल की सरहद पर पहुंचने से रोक दिया जाए।

लंदन के रोज़नामा अलशर्क़ अलावस्त की ख़बर के बमूजब ये इंतेबाह बैन-उल-अक़वामी येरूशलम मार्च के हवाला से जारी किया गया है, जो आइन्दा जुमा यौम उल-अर्ज़ की यादगार के दिन इसराईल की सरहद पर पहुंचने की उम्मीद है। ज़राए के बमूजब इसराईल ने दुबारा कहा कि इस की सरहद पर पहुंचने वाले किसी भी फ़र्द को दर अंदाज़ समझा जाएगा और इसके ख़िलाफ़ फ़ैसलाकुन कार्रवाई की जाएगी।

इत्तिला के बमूजब इसराईल का दावा है कि येरूशलम मार्च दुश्मन अनासिर के ज़ेर‍ ए‍ एहतेमाम निकाला गया है। शाम, लेबनान, अरदन , ग़ज़ा पट्टी की हम्मास हुकूमत और फ़लस्तीनी अथॉरीटी के नाम अपने पैग़ाम में इसराईल ने अरब ममालिक से ख़ाहिश की कि वो इस इलाक़ा में इसकी सरहद तक मार्च की इजाज़त दे कर कशीदगी में इज़ाफ़ा ना करें।

सयान्ती ज़राए ने तसदीक़ की कि ये पैग़ाम फ़लस्तीनी अथॉरीटी को भी दिया जा चुका है। ओहदेदारों के बमूजब फ़लस्तीनी सयान्ती ख़िदमात से रवाबित मुज़ाकरात पर तशद्दुद फ़सादाद के रोक थाम के मक़सद से किए गए हैं। ऐसे ही मुज़ाकरात गुज़शता साल भी यौम नक़बा से पहले किए गए थे। वज़ारत-ए-ख़ारजा इसराईल के बमूजब येरूशलम मार्च के मुंतज़मीन मोटर गाड़ीयों का क़ाफ़िला इसराईली सरहदों तक तमाम अरब ममालिक और फ़लस्तीनी अथॉरीटी के इलाक़ों से बैयक वक़्त पहुँचाना चाहते हैं।

700 से ज़्यादा इदारे जिन का ताल्लुक़ 64 ममालिक से है, रास्त या बिलवास्ता तौर पर इस जलूस की मंसूबा बंदी में शामिल हैं। मुंतज़मीन के बमूजब यूरोप और अरब ममालिक में इसराईली सिफ़ारतख़ानों के रूबरू एहतिजाज का मंसूबा भी बनाया गया है।

एक अंदाज़ा के मुताबिक़ मिस्र और शाम की ग़ैर यक़ीनी सूरत-ए-हाल की बिना पर ये ममालिक इसे मार्च को अपने इलाक़ों से इसराईल की सरहद तक पहुंचने की इजाज़त नहीं देंगे। ताहम दीगर ममालिक में मार्च की तैय्यारीयां जारी हैं।

मुंतज़मीन सोश्यल नेटवर्क के ज़रीया ज़्यादा से ज़्यादा फ़लस्तीनीयों को मार्च में शामिल करने कोशां हैं। फेसबुक के औराक़ पर इस मार्च की ताईद की जा रही है। पहले ये मार्च येरूशलम और मस्जिद ए अक़्सा तक पहुंचने वाला था। ताहम बादअज़ां इस में तरमीम करके उसे येरूशलम या इससे क़रीब तरीन मुक़ाम तक पहुंचाने का फ़ैसला किया गया।