ये स्कूल है या अस्तबल

हैदराबाद 20 जून -: शाही हुकूमतों के दौरान जो जगह घोड़ों को रखने के लिए इस्तेमाल हुआ करती थी अब वहां तलबा को तालीम दी जा रही है । ये हक़ीक़त है हमारे शहर में एक ऐसा स्कूल है जो एक अस्तबल में चलाया जा रहा है । जब कि इस अस्तबल में अब भी तोप के गोले वगैरह रखे हुए हैं । क़ारईन ! हम गवर्नमेंट अपर प्राइमरी और हाई स्कूल गोलकुंडा की बात कर रहे हैं । तारीख़ी क़िला गोलकुंडा के बिलकुल रूबरू वाक़े इस स्कूल का शहर हैदराबाद के इंतिहाई क़दीम तरीन स्कूलों में शुमार होता है ।

माज़ी में ये स्कूल दरअसल एक अस्तबल ही था । चुनांचे आज हर कमान में एक एक क्लास काम कर रही है जब कि तलबा की कसीर तादाद के बाइस इस स्कूल के अहाता में वाक़े एक दरख़्त के नीचे अव्वल और दोम जमात में ज़ेरे तालीम तलबा को पढ़ाया जा रहा है । 5 ता 6 साल उम्र के इन बच्चों की तादाद 102 बताई गई है । ये मासूम बच्चे सुबह 8 से लेकर दोपहर साढे़ बारह बजे तक धूप में बैठने पर मजबूर हैं हद तो ये है कि उन्हें वहां कोई बुनियादी सहूलत तक मयस्सर नहीं ।

प्राइमरी स्कूल की हेड मिस्ट्रेस सौंदर्य रानी का कहना है कि टीचर्स पूरी दियानतदारी के साथ पढ़ाते हैं लेकिन सरपरस्त सिर्फ़ और सिर्फ़ इस लिए अपने बच्चों को इस स्कूल से दूसरे स्कूलस मुंतक़िल कर रहे हैं क्यों कि उन्हें फ़र्श पर अपने बच्चों का बैठना अच्छा नहीं लगता । बच्चों का दरख़्त के नीचे बैठ कर पढ़ना कोई बड़ी बात नहीं । इस से भी बढ़ कर हैरत की बात ये है कि महकमा आबरसानी ने स्कूल के नल का कनेक्शन कट कर दिया है । जिस से ना सिर्फ़ तलबा बल्कि असातिज़ा (टीचर्स) को काफ़ी मुश्किलात का सामना करना पढ़ रहा है । वाज़ेह रहे कि इस स्कूल के अपर प्राइमरी सेक्शन में 102 और हाई स्कूल में 200 बच्चे ज़ेरे तालीम हैं ।

इस तरह जुमला 302 तलबा और 17 असातिज़ा (टीचर्स) के बावजूद स्कूल हर किस्म की बुनियादी सहूलत से महरूम है । फर्नीचर तक नहीं और क्लास रूम्स का बुरा हाल है । असातिज़ा (टीचर्स) और बच्चे पीने के पानी के लिए भी तरसते हैं । जिस के बाइस तलबा अपने घरों से पानी ला रहे हैं । हम ने इस स्कूल की हालते ज़ार जानने के लिए हाई स्कूल के हेडमास्टर सुब्बा राव से भी बात की । नल का कनेक्शन काट दीए जाने के बारे में सुब्बा राव ने बताया कि दरअसल कई बर्सों से स्कूल की जानिब से पानी का बिल अदा नहीं किया गया नतीजा में अब ये बिल 1,47000 रुपये तक पहुंच गया है ।

और तक़रीबन 8 रोज से पानी बंद है । तातीलात के बाद स्कूल खुलते ही महकमा आबरसानी के अमला ने कनेक्शन मुनक़ते कर दिया । उन्हों ने ये भी बताया कि डी ई ओ से बार-बार शिकायात की गईं, दरख़्वास्तें हवाले की गईं लेकिन पानी का बिल अदा नहीं किया गया । डी ई ओ ने नल काट दीए जाने पर 1500 रुपये रवाना करते हुए महकमा आबरसानी में इस रक़म को जमा करने की हिदायत दी जब कि स्कूल पर जो बिल आया है इस का माहाना सूद ही 1500 रुपये से ज़ाइद है।