ये हैं भारत के विवादित बाबा, जिन पर रेप या सेक्स स्कैंडल चलाने का है केस

दिल्ली : भारत में धर्मगुरु और बाबा हमेशा सुर्खियों में रहते हैं। सिरसा डेरा सच्चा सौदा के रॉक स्टार बाबा गुरमीत राम रहीम आजकल अपनी फिल्म को लेकर चर्चाओं में हैं। 7 अक्टूबर को उनकी फिल्म ‘एमएसजी द वॉरियर-लॉयन हार्ट’ रिलीज होगी। इस मौके पर dainikbhaskar.com आपको बताने जा रहा ऐसे विवादित बाबाओं की हिस्ट्री जो लगातार सुर्खियों में रहते हैं।

राम रहीम : सिरसा में मुख्य आश्रम इसके साथ-साथ देश और विदेश में आश्रम। 5 करोड़ अनुयायी होने का दावा। कत्ल, साध्वी का यौन शोषण और 400 साधुवों को नपुंसक बनाने का इल्ज़ाम

संत रामपाल : रोहतक के करोंथा और हिसार के बरवाला में आश्रम चलाते हैं। देशद्रोह, कत्ल जैसे केस चल रहे हैं। अभी जेल में बंद हैं।
आसाराम : एमपी, गुजरात समेत देश के कई राज्यों में आश्रम हैं। उनके गुरुकुल में दो छात्रों की मौत के बाद कानून का शिकंजा कसा। आशीर्वाद देने के बहाने नाबालिग लड़की से रेप के इल्ज़ाम में जेल में बंद हैं।

स्वामी नित्यानन्द : बेंगलुरु में बड़ा आश्रम है। 2010 में एक तमिल फिल्म एक्ट्रेस रंजीता के साथ सेक्स विडियो लीक हुआ। इसके बाद अरेस्ट किए गए और कुछ दिनों बाद बेल मिल गयी।

नारायण साईं :
अपने पिता आसाराम की तरह धार्मिक प्रवचन करते हैं। सूरत की दो बहनों के साथ रेप करने का इल्ज़ाम अभी जेल में बंद हैं।

स्वामी भिमानन्द :
2010 में सेक्स रैकेट चलाने के इल्ज़ाम में अरेस्ट हुये। साँप के साथ घूमने और नागिन डांस के लिए हमेशा चर्चा में रहते थे। इल्ज़ाम है की बाबा प्रवचन के बहाने लड़कियों को सेक्स रैकेट में फँसाता था।

राधे माँ : महंत रामधीन परमहंस से दीक्षा लेकर सुखविंदर कौर राधे माँ बनी। एक औरत को उसके पति और ससुरालवालों से दहेज के लिए प्रताड़ित करवाने का इल्ज़ाम

निर्मल बाबा :
यूपी में धांधली और धोखेबाज़ के सिलसिले में अप्रैल 2012 में केस दर्ज़। समोसे के साथ मीठी चटनी खाएं तो दुखों का निवारण हो जाएगा जैसी अजीबोगरीब राय देते हैं।

सत्य साईं बाबा : 2005 में अमेरिका में मुकदमा दर्ज़ किया गया। 27 साल के आल्या राम ने यौन शोषण के इल्ज़ाम लगाए। हालांकि अगले ही साल राम ने मुकदमा वापस ले लिया।

ज्येन्द्र सरस्वती :
कांची कामकोटि पीठ के 69 वें शंकराचार्य। नवंबर 2004 में मंदिर के मैनेजर शंकररमण की हत्या की शजिश में गिरफ्तार हुये। 26 अक्तूबर 2005 को सुप्रीम कोर्ट ने यह मुकदमा तमिलनाडू से हटाकर पॉण्डिचेरी भेजा।