हाल ही में कुछ रियासतो में हुए जिमनी इंतेखाबात में भाजपा के खराब मुज़ाहिरा से अपॊजिशन पार्टियों ने राहत की सांस ली है। लेकिन योगी आदित्यनाथ के एंट्री से उनके होश उड़े हुए हैं।
मगर उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट पर होने वाले जिमनी इंतेखाबात में तश्हीर की जिम्मेदारी मुश्तआल हिंदुवादी लीडर और भाजपा एमपी योगी आदित्यनाथ को सौंपे जाने से अपोजिशन पार्टी सकते में हैं।
अपोजिशन पार्टियों को लग रहा है कि जिस तरह से भाजपा को फिर्कावारान पोर्लाराइजेशन (Communal polarization) की वजह से लोकसभा इंतेखाबात में जीत हासिल हुई थी, वैसे ही हालात जिमनी इंतेखाबात में भी पैदा हो सकती हैं।
अगर जिमनी इंतेखाबात में भी polarization हुआ तो इसका फायदा भाजपा उठा ले जाएगी और बाकी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
भाजपा के योगी आदित्यनाथ को तशीर मुहिम का अगुवा बनाने की सपा, कांग्रेस और बसपा सभी पार्टियों ने मुज़म्मत की।
सपा के एक सीनीयर लीडर ने कहा कि आने वाले दिनों में योगी आदित्यनाथ और मुश्तआल हो सकते हैं और polarization के मकसद से मुतनाज़ा बयानों की झड़ी लगा सकते हैं।
उधर कांग्रेस लीडर प्रमोद तिवारी कहते हैं कि मोदी सरकार और भाजपा का अच्छे दिन का एजेंडा नाकाम हो गया है। इसलिए अब फिर्कावाराना कार्ड खेला जा रहा है।
उन्होंने कहा कि वे इसे भाजपा की इख्लाकी हार मानते हैं। सपा के जनरल सेक्रेटरी नरेश अग्रवाल कहते हैं कि भाजपा उत्तर प्रदेश में दंगे कराना चाहती है। योगी आदित्यनाथ को इलेक्शन की जिम्मेदारी देकर इस बात का एक बार फिर से तस्दीक हो गया है।