लखनऊ:उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंत्रिमंडल ने अपनी पहली बैठक में प्रदेश के दो करोड़ 15 लाख किसानों को फायदा देते हुए 36,359 करोड़ रुपये का कर्ज माफ करने का अहम फैसला लिया। इससे छोटे और सीमांत किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा. सरकार ने किसानों का एक लाख रुपये तक का कर्ज माफ किया है।
सरकार ने किसानों के किसी भी बैंक से लिया गए फसली कर्ज माफ किए हैं। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह जानकारी दी। कैबिनेट की पहली बैठक लखनऊ के लोकभवन में हुई। बैठक में सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम के साथ योगी सरकार के मंत्री और अफसर भी शामिल थे।
उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव में बीजेपी को भारी जीत मिलने के बाद सूबे की योगी आदित्यनाथ सरकार के मंत्रियों ने 19 मार्च को शपथ ली थी। मौजूदा सरकार की मंत्रिमण्डल की पहली बैठक मंगलवार यानी 16वें दिन हुई। कैबिनेट की बैठक में हुई इस देरी की वजह किसानों की कर्जमाफी के चुनावी वादे को माना जा रहा था
श्रीकांत शर्मा ने भी मंत्रिमंडल फैसलों को मीडिया के सामने रखा. उन्होंने बताया कि बैठक में प्रदेश के किसानों को बिचौलियों से भी मुक्त करने का फैसला लिया गया है. इसके साथ ही अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने का फैसला भी लिया गया ।
उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा गठित एंटी रोमियो दस्ते को लेकर कहा कि ‘अगर कोई कपल किसी सार्वजनिक स्थल पर बैठे हैं, तो अनावश्यक रूप से उनसे पूछताछ किए जाने की शिकायत पाए जाने पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी ।
श्रीकांत शर्मा ने बताया कि सरकार ने पाया है कि आलू के उचित मूल्य किसानों को नहीं मिलते है, इसके लिए तीन लोगों की कमेटी बनाई गई है. सरकार ने एक बड़ा फैसला यह भी लिया है कि कमेटी इस बात का अध्ययन करेगी कि आने वाले समय में हम आलू पैदा करने वाले किसान को किस तरह से राहत दे सकें
उन्होंने आगे बताया कि यूपी में बड़े तादाद में पूंजी निवेश को लेकर राज्य सरकार ने नई उद्योग नीति बनाने का फैसला किया है. इसके लिए एक मंत्री समूह का गठन किया गया है, जो अलग-अलग राज्यों में जाकर वहां की उद्योग नीति की बारीकियों का अध्ययन करेगा और प्रदेश में सिंगल विंडो के माध्यम से एक अच्छी उद्योग नीति का यहां निर्माण कर सकें, इसके लिए यह मंत्री समूह कई प्रदेशों में जाएगा. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में जिस तरह से अपराध का बोलबाला रहा है, उस पर जीरो टोलरेंस की नीति अपनाई जाएगी। कैबिनेट ने अवैध खनन पर निगरानी के लिए मंत्रियों के समूह का गठन किया गया है.