नई दिल्ली: इंटरनैश्नल योगा डे को लेकर तनाज़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक मेंबर ने कोर्ट में जाने का फैसला किया है। बोर्ड मेंबर जफरयाब जिलानी ने राजपथ पर हुए प्रोग्राम के दौरान ऊं और योग से जुड़े मंत्रों के तलफ्फुज़ को आईन के खिलाफ बताया है। उन्होंने कहा कि एक मज़हब से जुड़ी चीजों को बढ़ावा देने के खिलाफ वे कोर्ट में जाएंगे।
उन्होंने कहा कि एक सरकारी प्रोग्राम में सिर्फ ऊं का तलफ्फुज़ किया गया, जो कि मज़हबी आज़ादी और आईन के खिलाफ है। जिलानी इस बात से काफी मायूस भी नजर आए। उन्होंने कहा कि मुझे इस बात से मतलब नहीं है कि दुनिया के 193 मुल्क योग कर रहे हैं या नहीं। मैं योग नहीं करता। हां, अगर योग से मंत्र और सूर्य नमस्कार जैसी चीजें अलग कर इसे सिर्फ वर्जिश के तौर पर पेश किया जाए तो मुझे ऐतराज़ नहीं है।
योगा डे से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिम बच्चों से स्कूल में सूर्य नमस्कार नहीं करने की अपील की थी। इतना ही नहीं योगा डे के प्रोग्राम के दौरान ऊं शब्द के तलफ्फुज़ पर भी ऐतराज़ जताया गया था । इसके बाद सरकार ने योगा डे के प्रोग्राम से सूर्य नमस्कार हटा दिया था और कहा था कि मंत्र की जगह कोई भी शख्स अपने ईस्ट देव या मज़हब के तलफ्फुज़ से कर सकता है।