काला धन के विरोध में अपनी आवाज़ बुलंद करने वाले योग गुरू रामदेव नेपाल में कथित निवेश को लेकर विवादों में फंस गए हैं क्योंकि मीडिया की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पतंजलि आयुर्वेद समूह ने बिना आधिकारिक मंजूरी के भारत के पड़ोसी देश में 150 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है।
नेपाल में सबसे ज्यादा पढ़े जाने वाले समाचार पत्र कांतिपुर डेली की रिपोर्ट के मुताबिक रामदेव इस प्रकार के निवेश की जरूरी मंजूरी लेने में विफल रहे थे उसके बावजूद उन्होंने वहां निवेश किया। जिसका साफ अर्थ है कि नेपाल में निवेश के लिए जो मंजूरी आवश्यक होती है वह योग गुरू रामदेव को प्राप्त नहीं थी। बता दें कि विदेशी निवेश एवं प्रौद्योगिकी स्थानांतरण कानून के तहत किसी भी विदेशी निवेशक को हिमालयी देश में निवेश से पहले नेपाल निवेश बोर्ड या औद्योगिक विभाग से मंजूरी हासिल करना जरूरी है। अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि रामदेव ने ऐसी कोई भी मंजूरी हासिल नहीं की थी। ऐसे में बाबा रामदेव इस मुद्दे पर विवादों में फंस सकते हैं।
इस बीच, रामदेव ने कल एक बयान जारी कर कहा कि कंपनी ने नेपाल में काम करते समय किसी भी स्थानीय कानून का उल्लंघन नहीं किया है। बयान में कहा गया कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड का प्रस्तावित निवेश सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरी करने के बाद ही अमल में आएगा। इस बीच रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले की कड़वी दवा से तुलना करते हुए कहा कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के कदम का देश की अर्थव्यवस्था पर आने वाले दिनों में अच्छा असर होगा।