योरपी क़र्ज़ बोहरान, अमरीकी सुस्त रवी का हिंदूस्तान पर असर

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर (पी टी आई) यूरोप में क़र्ज़ बोहरान और अमरीका में सुस्त रवी का हिंदूस्तान पर मुज़िर असर पड़ रहा है, लेकिन इस मुल़्क की मईशत की बुनियादें बदस्तूर मज़बूत हैं, वज़ीर फिनांस परनब मुकर्जी ने आज ये बात कही।

उन्होंने यहां क़ौमी तरक़्क़ीयाती कौंसल (एन डी सी) से ख़िताब करते हुए कहा जारीया मालीयाती साल में तरक़्क़ी में होसकता है कुछ एतिदाल आजाई, लेकिन इस मईशत की बुनियादें मज़बूत हैं और औसत मुद्दती तरक़्क़ी के इमकानात बदस्तूर आगे की तरफ़ रवां दवां हैं।

ताहम मुकर्जी ने कहा कि चूँकि मलिक काफ़ी हद तक आलमी नहज पर चल पड़ा है, इसलिए ऐसा होता है कि जब दुनिया को छींक आए तो हिंदूस्तान को सर्दी होने का जोखिम रहता है। कोई ताज्जुब नहीं कि यूरोप में मआशी बोहरान और अमरीका में सुस्त रवी का हम पर मुज़िर असर पड़ रहा है।

हिंदूस्तानी मईशत जिस ने 2010-11-ए-में 8.5 फ़ीसदी शरह तरक़्क़ी दर्ज कराई, तवक़्क़ो है जारीया मालीयाती साल के दौरान मियानारवी पर तक़रीबन 8 फ़ीसद रहेगी। 2011-12-ए- की अप्रैल। जून मुद्दत में शरह तरक़्क़ी 7.7 फ़ीसद तक घट गई थी, जो छः सहि माही मुद्दतों में सुस्त तरीन रही।

मुकर्जी ने मज़ीद कहा कि 2008-09-ए-के बरख़िलाफ़ हुकूमत के पास मआशी उछाल केलिए बहुत ज़्यादा गुंजाइश नहीं है क्योंकि वो मालीयाती तक़वियत के तईं पाबंद अह्द ही। बजट 2011-12-ए-में हुकूमत ने मालीयाती तक़वियत की राह की तजवीज़ रखी और वो मालीयाती ख़सारा को जारीया माली साल में जी डी पी के 4.6 फ़ीसद तक घटाने का मक़सद रखती है।

मुकर्जी ने कहा बहैसीयत वज़ीर फ़ीनानस, मैं मालीयाती तक़वियत की इस राह पर पाबंद अह्द हूँ। अख़राजात का मयार और तरक़्क़ी पर इस का बढ़ता हुआ असर लाज़िमन हमारी तवज्जा में रहना चाहीये।

वज़ीर-ए-आज़म, सीनीयर मर्कज़ी का बीनी वुज़रा और अक्सर वुज़राए आला एन डी सी मेट में शरीक हैं, जो 12 वीं पाँच साला मंसूबा (012-17) केलिए ब्लूप्रिंट पर ग़ौर कर रही है।