नई दिल्ली: हिन्दुस्तानी की सक़ाफ़्ती रंगारंगी कारनामों की फ़ौजी ताक़त का मुज़ाहरा आज 67 वीं यौमे जम्हुरिया परेड के मौक़ा पर नई दिल्ली में देखा गया जब कि सदर फ़्रांस मेहमान-ए-ख़ोसूसी थे फ़ौज के घुड़सवार दस्ते कुत्तों के दस्ते अपनी अपनी वर्दियों में मलबूस अवाम के पुरमसरत नारों के दौरान 26 साल के बाद परेड में शरीक हुए।
कई गुमनाम मुजाहिदीन आज़ादी को मुबारकबाद पेश की। परेड में1200 लीबरेडार जर्मनशिप हर्डस के अलावा 36 खोजी कुत्ते परेड में शरीक थे। जिन्हें धमाको मादों का पता चलाने इस्तेमाल किया जाता है जुलूस में शामिल थे।
परेड में ताख़ीर हुई क्योंकि एक आवारा कुत्ता भी राजपथ पर आगया था जिसकी वजह से तमाशाई बरहम हो गए। बीएसएफ़ का ऊंट दस्ता जो रंगारंग मलबूसात से सजाया गया था रिवायती परेड में शामिल था। उनकी पीठ पर मौजूद अम्मारियों में साज़िंदे मौसीक़ी का मुज़ाहरा कर रहे थे।
फ़्रांसीसी फ़ौजी दस्ता भी परेड करने वालों में शामिल था। 2009 में हिन्दुस्तानी दस्ता ने फ़्रांस के सालाना यौम बीसटले परेड में शिरकत की थी। फ़ौज के करतब दिखाने वाले मोटर साइकिल सवारों ने रॉयल एंफिल्ड मोटर साइकिलों पर अपने करतब पेश किए। एक इन्सानी एहराम बनाया और इन्सानी कंवल का फूल भी बनाया|