हज़ारों फ़लस्तीनीयों ने कल यौम तबाही (विनाश दिवस) मनाया। कल ही के दिन 1948 में इसराईल के क़ियाम के मौक़ा पर हज़ारों फ़लस्तीनीयों ने नक़्ल-ए-मकानी की थी । इस मौक़ा पर फ़लस्तीनी इलाक़ों में जहां एहितजाजी रैलीयां निकाली गईं वहीं कल सुबह मशरिक़ी (पूर्वी) येरूशलम में पुलिस और मुज़ाहिरीन (प्रदर्शनकारियों) के दरमयान झड़पें भी हुई थीं।
क़रीबी इलाक़े असावीह से ताल्लुक़ रखने वाले इन अफ़राद ने मशरिक़ी (पूर्वी) येरूशलम में पुलिस पर पथराओ किया। इसराईल ने कहा कि ग़ज़ा के इलाक़े से जुनूबी (दक्षिणी) इसराईल में एक राकेट भी फ़ायर किया गया। ग़ज़ा पट्टी से एक धमाका ख़ेज़ आला, राकेट या मार्टर फ़ायर किया गया, जो जुनूबी (दक्षिणी) इसराईल के इलाक़े में गिरा। इस वाक़िया में कोई शख़्स हलाक या ज़ख़मी नहीं हुआ और ना ही किसी इमारत को नुक़्सान पहुंचा। फ़लस्तीनी इलाक़ों में इसी मुनासबत से रैलीयां और जलूस निकाले गए।
यौम तबाही (विनाश दिवस)के मौक़ा पर इसराईली स्कियोरटी फ़ोर्सेज़ को हाई अलर्ट कर दिया गया था क्योंकि माज़ी में इस रोज़ होने वाले एहितजाजी मुज़ाहिरों के मौक़ा पर फ़ोर्सेज़ और मुज़ाहिरीन के दरमयान झड़पें होती रही हैं। वाज़िह रहे कि हर साल 15 मई को फ़लस्तीनी बाशिंदे तबाही का दिन मनाते हैं जब हज़ारों अफ़राद को जंग की वजह से अपना घर बार छोड़ना पड़ा था और ये जंग इसराईल के ऐलान आज़ादी पर ख़त्म हुई थी।
एक अंदाज़े के मुताबिक़ 760,000 फ़लस्तीनी बाशिंदों को इस मौक़ा पर अपने घर बार छोड़कर नक़ल मुक़ाम करना पड़ा था। 160,000 फ़लस्तीनी इसराईली इलाक़ों ही में ठहर गए थे और अब ये अफ़राद अरब इसराईली कहलाते हैं।