रकबर खां की मौत के बहुचर्चित मामले में रविवार को हरियाणा के कोलगांव में महापंचायत हुई, जिसमें जेडीयू के पूर्व राज्यसभा सांसद अली अनवर ने कहा कि ये मात्र मॉब लिंचिंग की घटना नहीं है, बल्कि सोची-समझी साजिश है।
आरोपितों का संरक्षण मौजूदा सत्ता, उसके विधायक, मंत्री व सरकारें कर रही हैं। जिसके कारण दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।
सुराज पार्टी के योगेन्द्र यादव ने कहा कि मेवात के लोग हिन्दुस्तान के रीढ़ की हड्डी हैं। उन्हें हिन्दूस्तान में रहने का पूरा हक है। आज उसी रीढ़ की हड्डी पर प्रहार हो रहा है।
बड़ी-बड़ी कुर्सियों पर बैठे रहनुमा दोषियों के कंघों पर हाथ रख रहे हैं। उन्होंने कहा कि रकबर की मौत पर हम चुप बैठने वाले नहीं हैं। मामलें में पीडि़त परिवार को यदि जरूरत पड़ेगी तो कोर्ट में प्रख्यात वकील प्रशांत भूषण उनका केस लड़ेंगे।
महापंचायत में सर्वसम्मति से मामले में नवल शर्मा और रामगढ़ के विधायक ज्ञानदेव आहूजा को आरोपी बनाकर गिरफ्तार किए जाने की मांग की गई।
इसके अलावा रकबर के परिवार को 50 लाख रुपए का मुआवजा, बच्चों की पढ़ाई का खर्चा राजस्थान सरकार से वहन करने की मांग की गई।
उसकी पत्नी को सरकारी नौकरी, मामले के अन्य दोषियों की गिरफ्तारी, मुख्य गवाह असलम के बयान कोलगांव अथवा फिरोजपुर झिरका में लेने व मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के स्टैण्डिंग जज से कराने की मांग की गई।
महापंचायत में एेलान किया गया कि यदि मांगें नहीं मानी गई तो आगामी 6 अगस्त को अलवर में मेव बोर्डिंग में मेव समाज के लोग जमा होंगे और महापंचायत कर सरकार का विरोध करेंगे।
महापंचायत में हरियाणा के मंत्री एवं चेयरमैन वफ्फ बोर्ड रहिशा खां, विधायक नसीम अहमद, पूर्व मंत्री आजाद खां, चौधरी इलियास खां, आफताब अहमद, कांग्रेस प्रदेश सचिव मोहम्मदी बेगम सहित बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधि और मेव समाज के लोग मौजूद थे।