तारा शहदेव और रकीबुल मामले को लेकर जिस तरह से एक के बाद एक खुलती जा रही कड़ी में सूबे के वज़ीर शरीक मुक़ामी एमएलए सुरेश पासवान, वज़ीर हाजी हुसैन अंसारी समेत जिला जज और एसडीपीओ को लेकर शहर के हर चौक-चौराहे पर बहस का बाजार गर्म है। बहसों में एक ही सवाल निकलकर सामने आता है कि अब इनका क्या होगा? कुछ लोगों का कहना है कि जब अदालत और पुलिस इंतेजामिया के इतने बड़े ओहदे पर रहकर अपने ज़िम्मेवारी से मुंह मोड़कर बदुनवान में मौलूसीयत हो रहे हैं तो आमलोगों का भरोसा उठना लाजमी है।
बहरहाल जब तक मामले को लेकर पूरी तस्वीर साफ नहीं हो जाती है तब तक बहस का बाजार ऐसे ही गर्म होता रहेगा।
हालिया दिनों में दारुल हुकूमत रांची में सड़क हादसे में जख्मी एसडीपीओ अनिमेष नैथानी के गायब होने को लेकर तरह-तरह की बातें निकलकर सामने आ रही हैं। ज़राये से मिली जानकारी के मुताबिक वाकिया के बाद एसडीपीओ को पीर को ड्यूटी ज्वाइन करनी थी लेकिन उन्होंने फोन पर अपने आला अफसर को दो-तीन दिनों के बाद ज्वाइन करने बात कही है। फिलहाल उनके राजस्थान में होने की इत्तिला मिल रही है।
जिला जज के बॉडीगार्ड के मूअत्तिल होने पर एक सवाल जो लोगों के मन में आ रहा है कि आखिर ऑन ड्यूटी रहते उसे किसके हुक्म पर रकीबुल के पास भेजा गया था। ज़राये से मिली जानकारी के मुताबिक जज के नाम पर बॉडीगार्ड को कमान सौंपी गई थी। कमान में एक नंबर भी दिया गया था। जिसपर बॉडी गार्ड को राब्ता करने की हिदायत दिया गया था।
कमान पर लिखे नंबर पर राब्ता करने पर रकीबुल का निकला। रकीबुल उसे अपने साथ बिहार होते हुए दिल्ली ले गया था। बिहार में रकीबुल किसी जज के घर रुका था। वहां से बाद में वह दिल्ली गया था। इससे पहले उस गार्ड को रांची भेजा गया था। हालांकि इन बातों की तसदीक़ नहीं हो पाई है। सारी बातें पुलिस के पूछताछ के बाद ही निकलकर सामने आएंगी। फिलहाल रकीबुल मामले को लेकर देवघर हॉट केक बनता जा रहा है।