हैदराबाद के जोडीकचर हाईकोर्ट (साबिक़ आंध्र प्रदेश हाइकोर्ट) ने एक सीनीयर आई ए एस अफ़्सर के रत्ना प्रभा की तरफ़ से दायर करदा दरख़ास्त को क़बूल करलिया है जिस में उन्होंने वाई एस जगन मोहन रेड्डी से मुताल्लिक़ एक मुक़द्दमा में इंदू टेक ज़ूद को अराज़ी मुख़तस करने के बारे में सी बी आई की तरफ़ से दायर करदा एक मुक़द्दमा से उन का नाम हज़फ़ करने की दरख़ास्त की थी।
जस्टिस वे स्वामी अप्पा राउ ने आज रत्ना प्रभा की इस दरख़ास्त को मंज़ूर किया जिस में उन्होंने अपने ख़िलाफ़ इस मुक़द्दमा से इस बुनियाद पर अपना नाम ख़ारिज करने की दरख़ास्त की थी कि सी बी आई ने दायर कार-ओ-दायरा इख़तियार ना रखते हुए बुनियादी सतह पर हक़ायक़ की तौसीक़ के बगै़र ही इन का नाम शामिल करलिया था।
सी बी आई के एक वकील केशव राव ने कहा कि इस दरख़ास्त को क़बूल करलिया गया है लेकिन उन्हें हनूज़ इन अहकाम की नक़ल वसूल हुई है।
अदालती अहकाम पर ख़ुशी का इज़हार करते हुए मुहतरमा के रत्ना प्रभा ने कहा कि मैंने इस मुक़द्दमा के हक़ायक़ की बुनियाद पर अपना नाम ख़ारिज करने की दरख़ास्त की थी। इस फ़ैसले के ज़रीये इंसाफ़ किया गया है। मैंने किसी फ़र्द या इदारा की कोई गै़रज़रूरी मदद नहीं की। तमाम कार्यवाहीयां ज़ाबता कार के मुताबिक़ की गई।