हैदराबाद 6 मार्च रनमस्तपूरा शहर का एक क़दीम मुस्लिम अक्सरीयती इलाक़ा है और ऐसे इलाक़ा को कुरैशी बिरादरी के लिए इंतिहाई अहमियत का इलाक़ा क़रार दिया जाता है क्यों कि ज़ाइद अज़ 50 बर्सों से इस मुहल्ला में एक मस्लख़ ख़ाना काम कर रहा था लेकिन कुछ हालात ऐसे बने कि इसे बंद कर दिया गया ताहम असरी टेक्नोलोजी के तक़ाज़ों के साथ हम आहंग करने की शर्त पर अदालत ने इस मस्लख़ ख़ाना को बहाल करने की हिदायत दी थी ।
चूँकि ये कुरैशी बिरादरी के रोज़गार का मसला था । इस लिए असरी मस्लख़ की तामीर पर फ़ौरी तवज्जा मर्कूज़ की गई और फिर 21 दिसंबर 2009 को उस की तामीर का आग़ाज़ हुआ । रामकी इनवाइरो इंजीनीयरिंग को इस काम का ठेका दिया गया ।
रामकी इनवाइरो इंजीनीयरिंग ने सिर्फ़ एक साल में तामीर मुकम्मल करते हुए असरी मस्लख़ को कारकर्द बनाने का वाअदा किया जब कि मजलिस बलदिया अज़ीमतर हैदराबाद के मेयर और डिप्टी ने भी बारहा यही कहा कि बहुत जल्द असरी मस्लख़ ख़ाना को कुरैशी बिरादरी के इस्तेमाल में दे दिया जाएगा ।
पर अफ़सोस काम का आग़ाज़ हुए तीन साल का अर्सा गुज़र चुका है लेकिन इस मस्लख़ की तामीर मुकम्मल ही ना हो सकी। हालाँकि बलदिया ने जिस कंपनी को इस तामीरी काम का गुत्ता दिया है उस ने दुनिया के मुख़्तलिफ़ मुक़ामात पर कम अज़ कम 1200 ख़ुदकार मस्लख़ तामीर कर चुकी है इस कंपनी ने ख़लीजी ममालिक के इलावा सिंगापुर और मलेशिया में ख़ुदकार मसालख़ तामीर किए हैं ।
अब इन तीनों आदादो शुमार में कौन से आदादो शुमार दुरुस्त हैं इस बारे में मेयर माजिद हुसैन और बल्दी ओहदेदार ही जवाब दे सकते हैं । क़ारईन ! आप को बतादें कि रामकी इनवाइरो इंजीनियर्स और जी एच एम सी के दरमियान अंदरून एक साल मस्लख़ की तामीर का मुआहिदा तए पाया लेकिन काम की रफ़्तार को देख कर ऐसा लगता है कि काम की तकमील में ग़ैर मामूली ताख़ीर होगी ।
मेयर बलदिया ने अपने दौरा में इस बात पर भी ब्रहमी ज़ाहिर की थी कि तामीरी काम में गैर मयारी अशिया इस्तेमाल की जा रही हैं । इस से अंदाज़ा होता है कि बलदिया , कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने वाली कंपनी और अवामी नुमाइंदों के दरमियान ताल मेल का फ़ुक़दान पाया जाता है ।
मस्लख़ की तामीर में ताख़ीर से बलदिया या रामकी इनवाइरो इंजीनियर्स का कुछ नहीं जाता सब से ज़्यादा अगर किसी का नुक़्सान हो रहा है तो वो कुरैशी बिरादरी है हर वक्त चाहे वो बक़रीद का मुआमला हो या दीगर मौक़ा हमेशा इस मेहनतकश बिरादरी को परेशानियों और नुक़्सानात का सामना करना पड़ता है ।
ज़रूरत इस बात की है कि मेयर और बल्दी ओहदेदार फ़ौरी इस जानिब तवज्जा दें ताकि कुरैशी बिरादरी मज़ीद नुक़्सानात से बच सके।