आपसी इत्तिहाद को क़ायम रखना हर इंसान का फ़र्ज़ बनता है हिंदू-मुस्लिम आपस में एक दूसरे के भाई हैं। हम को इत्तिहाद के साथ रहने की अहम ज़रूरत है। रमज़ानुल मुबारक की आमद है हम को इस माह में आपसी इत्तिहाद का सबूत देना होगा और मसाजिद के पास सफ़ाई के इलावा बर्क़ी, आबरसानी और दूसरी ज़रूरियात वगैरह का ख़ास इंतेज़ाम करने की ज़रूरत है।
इन ख़्यालात का इज़हार रुक्न असेंबली ख़ैरताबाद चिन्तल रामचंद्र रेड्डी ने अख़्बारी नुमाइंदों को मुख़ातब करते किया। उन्हों ने कहा कि नमाज़ तरावीह के लिए खासतौर पर हाफ़िज़ साहब को मुक़र्रर किया जाता है। उन को हुकूमत की जानिब से दस हज़ार रुपये देना चाहीए।
मैं हुकूमत से कहता हूँ कि दस हज़ार रुपये दें। इस के इलावा मसाजिद और ईदगाहों को रंगो रोग़न करने के लिए हर डिस्ट्रिक्ट के लिए 50 लाख रुपये मंज़ूर करें जो कलेक्टर के तहत डिस्ट्रिक्ट के मसाजिद ईदगाहों को रंगो रोगन बर्क़ी आबरसानी के इलावा दूसरे तरक़्क़ियाती काम अंजाम दीए जा सके।