रमज़ान का पहला जुमा, जानिए, मुबारक माह में इसकी अहमियत

इबादत के माहे रमज़ान का आज दूसरा दिन किसी नेमत से कम नहीं है, क्योकि आज जुम्मा है। जुम्मे की नमाज का अपना की सवाब है जिसे हर मुस्लिम जानता है। देश और दुनियाभर का मुस्लिम समुदाय रमज़ान के दौरान रोज़े रखते हुए खुदा से खैरियत की दुआ करता है।

सुबह, दोपहर, शाम, पांच वक़्त की नमाज़ें अता की जा रही है। अजान की आवाज से सुबह की शरुआत और रोज़े और इबादत में दिन का गुजरना इस पाक महीनेभर चलने वाला मजहबी दस्तूर है।

इस साल रमज़ान का आग़ाज़ 17 मई 2018 यानी गुरूवार को हो चूका है। कयास लगाए जा रहे हैं की यदि इस रमज़ान तीस दिन का चाँद हुआ तो इस रमजान के पाक महीने में पांच जुमा यानी पांच शुक्रवार पड़ सकते हैं। रमज़ान के यह शुक्रवार दूसरे रोजे 18 मई, नौंवा रोजा 25 मई, सोलहवां रोजा 01 जून, तेइसवां रोजा 08 जून और तीसवां रोजा 15 जून को पड़ेगा।

बताया जाता है कि रमज़ान के महीने में आखिरी जुमा का बड़ा महत्त्व होता है। आपको बता दें कि बुधवार को रमज़ान के चाँद का दीदार काफी मुश्किल से हो पाया। इस चाँद की मौजूदगी केवल 29 सेकंड के लिए ही रही, जिस कारण कई जगह चाँद का दीदार हुआ और कई जगह नहीं हुआ।