रमज़ान उल-मुबारक की आमद

अल्लाह ताला की रहमतों और बरकतों से मालामाल करने वाला माहे रमज़ान उल-मुबारक बस अब आने ही वाला है। रमज़ान उल-मुबारक की आमद के साथ ही बहुत से लोग रात भर जागना अपने ऊपर लाज़िम करलेते हैं और इफ़तार पार्टीयों का सिलसिला भी सारा महीना जारी रहता है।

इन दोनों चीज़ों में कोई क़बाहत नहीं है और ये बहुत अच्छी बात है बशर्तिके रातों का जागना इबादत‍और‌-रयाज़त के लिए हो और उन मुबारक रातों में अल्लाह का ज़िक्र कसरत से हो। तौबा‍ और्-इस्तग़फ़ार, और तिलावत कलाम पाक का ख़ुशू-ओ-ख़ुज़ू के साथ भरपूर एहतेमाम किया जाय।

इसी तरह रोज़े दारों के लिए इफ़तार का एहतेमाम किया जाय और इफ़तार‍ और‌-ताम के लिए ज़्यादा से ज़्यादा ग़रीब और मुस्तहिक़ अफ़राद को मदऊ किया जाय। दोस्त अहबाब, रिश्तेदार और पड़ोसीयों को भी इन में ज़रूर शामिल कीजिए लेकिन इस बात का ज़रूर ख़्याल रखा जाय कि ये इफ़तार पार्टीयां सयासी, तिजारती और ज़ाती मुफ़ादात के हुसूल केलिए ना हूँ बल्कि अल्लाह की रज़ा और इस की ख़ुशनुदी और क़ुरब हासिल करने के मक़सद से हूँ। अल्लाह ताला हमें क़ुरआन-ओ-सुन्नत पर इख़लास के साथ अमल करने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाए (आमीन)