रमज़ान , ज़िंदगीयों को बदलने का बेहतरीन मौक़ा

मौलाना मुहम्मद शफ़ी नदवी-ओ-नक़्शबंदी ने जामि मस्जिद कोरटला में जलसा इस्तिक़बाल रमज़ान उल-मुबारक से मुख़ातिब करते हुए कहा कि अल्लाह ताअला ने अपने नबियों के ज़रीये अपने बंदों को ये बताया कि तुम्हारा ठिकाना जन्नत है। इस दुनिया में इंसान को चाहीए कि जन्नत को हासिल करने के लिए मशक़्क़त उठाएं जबकि जन्नत में बंदों को मशक़्क़त उठाना नहीं है।

मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने हम को इस्लाम के ज़रीये अहम नेमतें दी हैं इन नेमतों में जन्नत एक अहम है। हमारी ख़ुशनसीबी हैके हमारी ज़िंदगी में फिर एक बार रमज़ान आरहा है। रमज़ान उल-मुबारक का माह हमारे लिए सुनहरा मौक़ा है जिस में अल्लाह ने शबे क़दर जैसी मुबारक रात रखी है।

जो हज़ारों शब से अफ़ज़ल है। रमज़ान उल-मुबारक जहन्नुम से नजात का महीना है। अल्लाह रमज़ान में जन्नत में जाना और जहन्नुम से बचाना आसान करदेते हैं।

रमज़ान अपनी ज़िंदगीयों के बदलने का बेहतरीन मौक़ा है। मौलाना ने कहा कि अल्लाह ने हमें जन्नत के लिए बनाया है। इस लिए हमें रमज़ान अता किया है अगर हम अल्लाह की इन मेहरबानीयों के बावजूद अपनी हालत ना सुधारें और अल्लाह की नाफ़रमानी करें तो उस की सज़ा जहन्नुम में मिलेगी