डीबीटीएल (गैस सब्सिडी / पहल) मंसूबा को लेकर गैस एजेंसियां सारफीन को परेशान कर रही हैं। इसमें सबसे ज़्यादा परेशानी एचपी कंपनी के सारफीन को हो रही है। हुकूमत की हिदायत है कि मार्च तक सारफीन को सब्सिडी वाले सिलिंडर की सप्लाय करनी है। लेकिन जो सारफीन पहल मंसूबा से नहीं जुड़े हैं, उन्हें गैस सप्लाय में 15-20 दिन का वक़्त लग रहा है। इतना ही नहीं, एचपी गैस एजेंसी के सारफीन को गैस वेंडर इस बात की धमकी देते हैं कि अगर वह मंसूबा से नहीं जुड़ते हैं तो परेशानी ङोलनी होगी।
एजेंसी पर यहां तक सारफीन को कहा जाता है कि वह फॉर्म नहीं भरेंगे तो उनकी बुकिंग नहीं होगी। जिले में इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम (एचपी) व भारत पेट्रोलियम (बीपी) को मिलाकर 3.16 लाख सारफीन हैं। अब तक करीब 1.95 लाख सारफीन पहल मंसूबा से जुड़ चुके हैं।
मर चुके सख्श का कनेक्शन उनके बेटे, मैयत के शौहर या बीवी के नाम पर ट्रांसफर हो सकता है। इसका फॉरमेट सभी गैस एजेंसियों में मौजूद है। एक सादे कागज पर उस फॉरमेट के मुताबिक दरख्वास्त लिखना है, मैयत का डेथ सर्टिफिकेट, जिनके नाम पर कनेक्शन का ट्रांसफर होना है, उनका केवाइसी डॉक्यूमेंट और 70 रुपये फीश देना होगा। इसके बाद खाता आसानी से ट्रांसफर होगा।
गैस एजेंसी सारफीन की सर्विस में कोताही नहीं बरतेंगे। सब्सिडी फॉर्म के काम के साथ पहले की तरह गैस डिलेवरी चालू रहेगी। कुछ जगहों पर दो तीन दिन का बैकलॉग है जिसे बहुत जल्द दूर कर दिया जायेगा। नाम सुधार व ट्रांसफर की आसान अमल इसमें एजेंसी सारफीन को मदद करें, नहीं तो कार्रवाई की जायेगी।
निशांत कुमार
एसिस्टेंट मैनेजर, विक्रय इंडियन ऑयल