शहर की लचर सफाई निज़ाम से परेशान होकर मुंसिपल कॉर्पोरेशन ने सफाई ठेका कंपनी एटूजेड को बरखास्त कर दिया है। इस सिलसिले में मंगल को हिदायत जारी करते हुए एटूजेड को एक माह के अंदर (तीन जनवरी तक) मुंसिपल कॉर्पोरेशन को सफाई निज़ाम सौंपने को कहा है। इसके साथ ही 30 साल का किया गया एग्रीमेंट भी टूट गया।
कंपनी को हटाने का फैसला मुंसपाल कॉर्पोरेशन जोनल कमेटी की बैठक में लिया गया। इसमें डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, नगर निगम सीइओ दीपांकर पंडा, डिप्टी सीइओ शैलेंद्र कुमार लाल, उपनगर आयुक्त ओमप्रकाश साह वगैरह मौजूद थे।
एनजीओ को कामों की तक़सीम सात दिन में कर दिया जायेगा
डिप्टी मेयर ने कहा कि कंपनी के हटने के बाद भी शहर की सफाई निज़ाम मुतासीर नहीं होगी। ओपश्नल के तौर पर आठ एनजीओ को कॉर्पोरेशन ने फेहरिस्त किया है। फेहरिस्त होनेवाले एनजीओ में क्रियेटिव इंटरनेशनल, नवभारत जागृति केंद्र, मंथन युवा संस्थान, ग्रामीण महिला समिति, चल फाउंडेशन, क्लीन झारखंड, हेरिटेज सोसाइटी और पूर्णिमा हैं। इन आठ एनजीओ के दरमियान वार्डो का बंटवारा एक सप्ताह में कर लिया जायेगा। इसके लिए टेंडर अमल अपनायी जायेगी।
हाइ मास्ट लाइट की मरम्मत करायेगा कॉर्पोरेशन
बैठक में वार्ड 37 के पार्षद अरुण कुमार झा ने कहा कि शहर के तमाम अहम चौक-चौराहों की हाइ मास्ट लाइट खराब पड़ी हुई है। कॉर्पोरेशन ने जिन एजेंसियों को लाइट की मरम्मत की जिम्मेवारी सौंपी है, वे इसकी अनदेखी कर रहे हैं। इस पर सीइओ ने कहा कि जिन चौराहों की लाइट खराब हैं, निगम उसे मरम्मत करायेगा।