रांची में जाम हटाने के बजाय ट्रैफिक बढ़ाती है पुलिस

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शहर की सड़कों पर जाम की हालत के सबसे बड़े जिम्मेदार ट्रैफिक सिपाही और ऑटो वाले हैं। जब जाम लगता है, तब ये सिपाही आराम करते दिखाई पड़ते हैं या दूसरी गाड़ियों को पकड़ने में लगे रहते हैं। अगर दो साल पहले के एसपी राजीव रंजन के हुक्म का पालन करें, तो भी जाम से काफी निजात मिल जाएगी। रंजन ने हुक्म दिया था कि किसी भी चौराहे पर ऑटो वाले 50 मीटर दूर ही ऑटो पार्क कर सकेंगे।

इसके लिए चौराहों पर मार्किंग की भी गई थी। लेकिन न तो ऑटो वाले मानते हैं, न ही सिपाही अपनी ड्यूटी सही से निभा रहे हैं। सिपाही कार्रवाई करने की बजाय चुपचाप तमाशा देखते रहते हैं। यह नजारा शहर के सबसे मशरुफ़ अलबर्ट एक्का चौक, कांटाटोली चौक और किशोरी यादव चौक में आम है। जबकि झारखंड हाईकोर्ट ने भी जाम को लेकर कई बार सख्त हुक्म दिए हैं।

कांटाटोली चौक सिपाही की मौजूदगी में ऑटो में ठूंसें जा रहे थे पैसेंजर

दोपहर साढ़े बारह बजे चौक से महज़ 30 फीट दूर कई ऑटो ड्राइवर पैसेंजर बिठा रहे थे। ट्रैफिक सिपाही वहां मौजूद थे। पूरा चौक जाम था। सिपाही चौक से जाम हटाने की बजाय गाड़ियों को पकड़ने में लगे थे। जवानों की नजर उन बाइक सवार पर रहती है, जिन्हें वह पकड़ सकें। दो जवान एक बोलेरो एचआर04डी 1515 को पकड़ कर उससे फाइन वसूलने में लगे थे।

किशोरी यादव चौक जाम लगा था, सिपाही आराम फरमा रहा था

दोपहर बाद दो बजे चौक से 10 फीट दूर ऑटो, सिटी बस और दीगर गाडियाँ खड़े होकर पैसेंजर को बिठा रहे थे। पुलिस उन्हें हटाने की बजाय आराम से टेबल पर बैठकर तमाशा देख रहे थे। कई ऑटो की वजह से चौक पर जाम लगा हुआ था। किशोरी यादव चौक से रातू रोड चौक तक पहुंचने में दस मिनट से ज़्यादा वक़्त लगता है। पूरे रातू रोड में अक्सर जाम लगा रहता है।

666 गाड़ियों पर एक पुलिस

डीटीओ ऑफिस के मुताबिक रांची में दो लाख से ज़्यादा गाड़ियां (दोपहिया-चार पहिया) हैं। जबकि ट्रैफिक पुलिस की तादाद करीब तीन सौ है। शहर में ट्रैफिक पोस्ट 83 हैं।

ये हैं दस्तूरल अमल

> तमाम ऑटो ड्राइवरों को चौक से 50 मीटर की दूरी पर पार्क करना है।
> उन्हें यूनिफॉर्म में रहना होगा।
> फुटपाथ दुकानदारों को दूर बैठना होगा।

होगी कार्रवाई

> ट्रैफिक दुरुस्त करने के लिए स्पेशल टॉस्क फोर्स की तशकील किया गया है। दस्तूरुल अमल तोड़नेवालों पर सख्त कार्रवाई होगी। – कार्तिक एस, ट्रैफिक एसपी, रांची