झारखंड में इतवार को एक बार फिर से ज़मीन कांपी। ज़लज़ले को लेकर मुसलसल दूसरे दिन भी अफरा-तफरी मची रही। ज़लज़ले का झटका महसूस करने के बाद घरों से लोग सड़क पर निकल आए। लोग चिल्लाते हुए बाहर भागे। साथ ही अपने आस-पड़ोस के लोगों को भी घरों से निकलने के लिए कह रहे थे। दारुल हुकूमत समेत पूरे झारखंड में ज़लज़ले के झटके महसूस किए गए। झारखंड मौसम सेंटर के मौसम सायनस्टिस डीजी हेडॉक के मुताबिक इतवार को पहला और सबसे तेज झटका दिन में 12:39 बजेे आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 6.9 थी।
वहीं दूसरा हल्का झटका दोपहर 2:10 बजे आया। रिक्टर पैमाने पर इसकी रफ्तार 4.6 थी। हेडॉक के मुताबिक झारखंड में भूकंप के छह झटके आए हैं। ये झटके दिन के 12 बजे से दोपहर 2 बजे के दरमियान लगे हैं। ज़लज़ले की रफ्तार कम थी। इस वजह से झारखंड में जानमाल का कोई बड़ा नुकसान होने की इत्तिला नहीं है। उन्होंने कहा कि ज़लज़ले का सेंटर नेपाल में 13 से 14 किमी नीचे
मार्केटिंग करने निकले दारुल हुकूमत के लोग इतवार को भी खासे परेशान रहे। इतवार होने के बावजूद चर्च काम्पलेक्स और बिग बाजार में आम दिनों की तरह भीड़ थी।
लोग अपनी जरूरतों के सामान खरीदने पहुंचे थे। इसी दरमियान दोपहर 12.40 बजे दुकान के सामान कांपने लगे। कई चीजें हिलने लगीं। तभी दर्जनों लोग एक साथ निकला …. भागो-भागो ज़लज़ला आया। फिर क्या था, दुकानों में जो जहां थे, भागने लगे। नीचे के फ्लोर पर रहे लोग जल्दी से बाहर आ गए, लेकिन ऊपरी फ्लोर के लोगों की घबराहट बढ़ गई थी। जल्द से जल्द नीचे उतरने की कोशिश में कई लोग एक-दूसरे से टकराए और गिर भी पड़े। देखते-देखते दुकानें खाली हो गईं और लोग बाहर सड़कों पर आ गए। मेन रोड में सैकड़ों की भीड़ जमा हो गई। सभी खासे डरे थे। कई लोग फोन कर अपने-अपने घरों का हालचाल लेने लगे।