गुमला के आरसीएच अफसर डॉ. आरबी चौधरी के यरगमल और कत्ल की साजिश रांची शहर के एक होटल में रची गई थी। 50 लाख फिरौती के लिए मुजरिमों ने 28 और 29 अप्रैल को मंसूबा बनाई थी। डॉ. चौधरी की कत्ल से पहले मुजरिमों ने उनकी रेकी भी की थी। इस पूरी साजिश का मास्टर माइंड लातेहार का कुख्यात मुजरिम अभय उर्फ धनंजय मेहता उर्फ कृष्ण मोहन झा उर्फ काली है।
वह असल तौर से मुजफ्फरपुर के कुढ़नी का रहने वाला है। यरगमाल और कत्ल में उसका साथ सूरज पंडित और दीपक ने दिया था। सूरज मुजफ्फरपुर और दीपक गुमला के लक्ष्मण नगर का रहने वाला है। बुध को एसपी भीमसेन टूटी ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मुल्ज़िम दीपक समेत रायडीह के छतरपुर के रहने वाले रूपेश प्रसाद व लक्ष्मणपुर के ही अशोक उरांव को गिरफ्तार कर लिया गया है। धनंजय मेहता समेत सूरज व एक दीगर गिरफ्त से बाहर हैं। यरगमाल और कत्ल में इस्तेमाल बोलेरो गाड़ी और स्कूूटी जब्त कर ली गई है।
पहचान छिपाने के लिए की डॉक्टर की कत्ल
एसपी ने बताया कि तहक़ीक़ात में यह बात सामने आई कि तीन मई को लेवी की रकम मिलने के बाद भी यरगमाल करने वाले ने डॉक्टर की कत्ल इसलिए कर दी, ताकि उनकी पहचान छुपी रहे। रांची से आई फॉरेंसिक टीम ने सूरज के रिहाइशगाह से अहम सुबूत व पांच मोबाइल भी जब्त किए हैं।
सीसीटीवी फुटेज से मिला स्कूटी सवार का सुराग
एसपी ने कहा कि 30 अप्रैल को अभय, सूरज पंडित व दीपक बोलेरो में रांची से गुमला आए। फिर अप्वाइंटमेंट पर एक सख्श डॉ. चौधरी से मिला और उन्हें काले रंग की स्कूटी पर बैठा रायडीह की तरफ ले गया। एसपी ने बताया कि शहर में लगे सीसीटीवी फुटेज की बुनियाद पर स्कूटी से पहुंचने वाले सख्श की शिनाख्त की जा रही है।
रायडीह, रांची और फिर बक्सर से मांगी फिरौती
टूटी ने बताया कि यरगमल के बाद डॉक्टर को लेकर स्कूटी सवार छतरपुर गांव वाकेय सूरज पंडित के अबाई रिहाइशगाह पहुंचा, जहां डॉक्टर को यरगमाल बनाकर रखा गया। तीन मई को डॉक्टर के मोबाइल से फिरौती मांगी गई। अभय व सूरज रांची होते हुए कैमूर, बक्सर (बिहार) की तरफ चले गए। वहां से फिरौती मांगी।
ठप रहीं सेहत सर्विस , डॉक्टरों की हड़ताल खत्म
डॉक्टर चौधरी की कत्ल के मुखालिफत में झासा और आईएमए की तरफ से की गई हड़ताल के तीसरे दिन बुध को रियासत भर में हेल्थ सर्विस ठप रहीं। आम मरीज सरकारी और प्राइवेट हॉस्पिटल में भटकते रहे। इधर, डॉक्टर दिन भर मीटिंग करते रहे और आगे की पॉलिसी बनाते रहे। सेहत वज़ीर रामचंद्र चंद्रवंशी ने उनकी तमाम मांगें दो महीने में पूरी करने का यकीन दिहानी दिया। शाम में डॉक्टरों ने इस शर्त के साथ हड़ताल खत्म की ऐलान की कि उनकी मांगें जरूर पूरी की जाएंगी।