रांची, 06 मार्च: हैदराबाद ब्लास्ट मामले में रांची में पकड़े गये दहशतगर्द मंजर इमाम ने खुलासा किया है कि रांची के सात नौजवान ममनुआ दहशतगर्द तंज़ीम इंडियन मुजाहिद्दीन- सिमी से जुड़े हैं। राष्टीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम की मंजर इमाम से की गई पूछताछ में यह और दिगर अहम जानकारियां सामने आई हैं।
मंजर ने एनआईए के सामने यह कुबूल किया की इन नौजवानो का अहम काम दहशतगर्दो, को पनाह देना, किराये का घर दिलाना, बेल दिलाना व वाकिया को अंजाम देने के बाद उनके भागने का इंतेज़ाम करना होता है। मंजर ने इनके नाम भी बताये हैं।
पूछताछ में मंजर इमाम ने बताया कि साल 2008 में सूरत और अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट में जख्मी चार दहशतगर्दों का इलाज उसके मदद से बरियातू वाकेय् एक बड़े अस्पताल में हुआ था। मंजर ने ही उनके रहने के लिए बरियातू इलाके में किराये पर मकान दिलाया था।
एनआईए को पूछताछ में मंजर इमाम ने यह भी बताया कि दिसंबर 2007 में केरल के एर्नाकुलम वाकेय् बागमौन जंगल में उसने सिमी के कैंप में तीन दिन तक तरबियत हासिल की थी ।
पटना साकिन अब्दुल वाशर के ज़रिए वह सिमी से जुड़ा था। वाशर को सूरत ब्लास्ट में शामिल होने के इल्ज़ाम में गिरफ्तार कर लिया गया था। मंजर इमाम से हुसूल मालूमात की इत्तेला एनआईए की ओर से पुलिस आफीसरो को भी दी गयी है।