लोजपा ने राजद से रिश्ते तोड़ने के वाज़ेह इशारे दे दिये हैं। सिर्फ ऐलान बाकी है। मुमकिन है कि जनवरी के पहले सप्ताह में इसकी ऐलान खुद लोजपा सदर रामविलास पासवान करेंगे। राजद से रिश्ता तोड़ने के बाद लोजपा का जदयू से इत्तिहाद हो सकता है। बताया जाता है कि दोनों पार्टियों के क़ायेदीनों के दरमियान इस पर बातचीत भी शुरू हो चुकी है।
हालांकि पार्टी कियादत इस सिलसिले में खुल कर बोलने को अभी तैयार नहीं है। लोजपा ज़राये ने बताया कि दिल्ली में दो दिनों से चल रहे बातचीत के दौरान लगभग तमाम सीनियर लीडरों ने राजद से इत्तिहाद तोड़ लेने की सलाह दी। गुजिशता लोकसभा इंतिख़ाब में राजद ने लोजपा को 13 सीटें दी थीं, लेकिन इस बार वह तीन-चार सीटों से ज़्यादा देने को तैयार नहीं है।
पार्टी सीनियर लीडरों ने इज्ज़त के साथ किसी भी कीमत पर मूआहेदा नहीं करने की बात रामविलास पासवान से कही। दरअसल, लोजपा क़ायेदीनों की नाराजगी राजद एमपी रघुवंश प्रसाद सिंह के इस बयान से है, जिसमें उन्होंने कहा था कि लोजपा को जीतनेवाले उम्मीदवार बताने होंगे, तभी सीटें मिलेंगी। रघुवंश सिंह के अपने बयान पर कायम रहने और इस मामले में राजद सरबराह लालू प्रसाद की चुप्पी लोजपा को अपना रास्ता अलग करने पर मजबूर कर रहा है। दिल्ली की बैठक में शामिल होनेवालों में लोजपा पार्लियामनी बोर्ड के सदर चिराग पासवान, क़ौमी नायब सदर व साबिक़ एमपी सूरजभान सिंह, प्रदेश सदर पशुपति कुमार पारस, राष्ट्रीय जेनरल सेक्रेटरी रामा किशोर सिंह, क़ौमी नायब सदर और साबिक़ एसेम्बली रुक्न महेश्वर सिंह, सत्यानंद शर्मा आदि हैं।
“लोजपा को सब्र रखना चाहिए। राजद के क़ौमी सदर लालू प्रसाद की तरफ से इत्तिहाद को लेकर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। साथ ही लोजपा के क़ौमी सदर रामविलास पासवान के साथ मुलाकात नहीं हुई है। “
नेता रामकृपाल यादव, राजद सांसद