पटना से नई दिल्ली जा रही राजधानी एक्सप्रेस में जुमेरात को खूब हंगामा हुआ। ट्रेन की लेटलतीफी व रेलवे बोर्ड के मेनू से गुस्साए मुसाफिरों ने पेंट्रीकार में जमकर फसाद मचाया। एलएचबी कोचों की कमी की वजहों से यह ट्रेन आम कोचों के साथ पटना से जुमेरात की आधी रात को रवाना हुई थी।
जुमा के दोपहर ट्रेन कानपुर के आसपास ही थी। ऐसे में भूख से बिलबिलाए मुसाफिरों ने पहले चेन पुलिंग की और फिर पेंट्रीकार में रखे सामानों पर टूट पड़े। जिसे जो मिला लेकर चलते बने। मुसाफिर पेंट्रीकार में रखी चावल की बोरी भी उठा ले गए। मुसाफिरों के गुस्से देख पेंट्रीकार में काम कर रहे मुलाज़िमीन भाग गए।
क्या कहते हैं मुसाफिर
मुसाफिर ने बताया कि ट्रेन को जुमेरात की रात 12 बजे के लिए रीशेड्यूल किया गया, लेकिन सवा एक बजे तक कोच का अता-पता नहीं था। मुसाफिर अश्विनी ने बताया कि राजधानी एक्सप्रेस रात 1.15 बजे प्लेटफॉर्म पर आई और चार्ट चिपकाकर ट्रेन को जल्दी से खोल दिया गया। ट्रेन पर चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म पर मारामारी के हालात थे। रेल इंतेजामिया की गलती से न तो पेंट्रीकार में सामान ठीक से चढ़ाया जा सका और न ही मुलाज़िमीन चढ़ पाए।
पटना जंक्शन से यह ट्रेन 2.20 बजे रात में दिल्ली के लिए रवाना हुई। मुगलसराय तक जाते-जाते मुसाफिरों का भूख प्यास से दम निकलने लगा। जुमा की सुबह जब कुछ ही मुसाफिरों को ब्रेड और कटलेट परोसा गया, तो मुसाफिरों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। ट्रेन में एच-1 बोगी के ए कुप्पे में सफर कर रही एक खातून मरीज की तबीयत बिगड़ गई।
सेक्युर्टी के भी नहीं थे इंतजाम
ट्रेन में सेक्युर्टी के कोई इंतजाम नहीं था। कानपुर स्टेशन पर मुसाफिरों के हंगामे के दरमियान दो घंटे तक ट्रेन रुकी रही। पूरे मसले पर आईआरसीटीसी के रिजनल मैनेजर अनवर करीम का कहना था कि एक तो रेलवे ने गलत रैक दी और फिर ट्रेन को जल्दी खोल दिया। ऐसे में पटना से न तो मुलाज़िमीन ही ट्रेन में चढ़ सके और न ही सामान। पेंट्रीकार की भी हालत खराब थी, इसकी वजह से मुलाज़िमीन को काम करने में देरी हो रही थी।
क्या कहते हैं अफसर
चीफ़ ओहदेदार अरविन्द कुमार रजक का कहना था कोहरे की वजह से राजधानी समेत ट्रेनों को चलाने में मुश्किल हो रही है। लेटलटीफी की वजह से रेलवे अपनी तरफ से निजाम को ठीक करने में लगी है। जुमा को मुसाफिरों को बेहतर सर्विस देने की कोशिश की गई, लेकिन कुछ मुसाफिरों की गलती से राजधानी एक्सप्रेस के मुसाफिरों की फजीहत हुई।