राजनाथ के इलज़ाम पर विपक्ष ने मांगे ठोस सुबूत, जेएनयू स्टूडेंट्स ने बनायी “ह्यूमन चैन”

नई दिल्ली: जेएनयू विवाद में आज एक नया मोड़ उस वक़्त आ गया जब देश के गृह मंत्री ने जेएनयू प्रोटेस्ट में आतंकवादी हाफ़िज़ सईद के हाथ होने की बात कही, इस बात से सख्त नाराज़ विपक्ष ने तुरंत ठोस सुबूत मांगे हैं. सीताराम येचुरी ने कहा कि अगर देश का गृह मंत्री ऐसा कह रहा है तो कुछ ठोस सुबूत होंगे, वो सुबूत हमें दिखाएँ. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि कल जब वो उनसे मुलाक़ात करने गए थे तो राजनाथ ने ऐसी बात नहीं की थी.
येचुरी ने ये भी कहा कि राजनाथ अक्सर कुछ बोल जाते हैं फिर उस बात से मुकरते हैं, जैसा कि पठानकोट हमले पर उन्होंने बयान दिया था फिर पलट गए थे.
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने जेएनयू विवाद में बड़ा बयान दिया था और कहा, ‘जेएनयू घटना में लश्कर-ए-तैयबा सरगना हाफिज सईद का हाथ है। मैं इस पर सभी लोगों से अपील करना चाहता हूं कि इस मामले में राजनीति न करें। मैं देशवासियों से भी अपील करता हूं कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्याल में ऐसी घटना हुई, लेकिन हम सबको समझना होगा कि इस घटना के पीछे लश्कर सरगना का हाथ है।’

इस पूरे विवाद में जहां कांग्रेस,जदयू और आप समेत तमाम पार्टियां एकजुट होकर जेएनयू के स्टूडेंट्स के पक्ष में खडी हो गयी हैं वहीँ बीजेपी अपने ही बयानों में फंसती नज़र आ रही है. जेएनयू स्टूडेंट्स अपने यूनियन प्रेसिडेंट कनहैय्या कुमार को फ़ौरन रिहा करने की मांग कर रहे हैं

गौरतलब है कि 9 फ़रवरी को कुछ स्टूडेंट्स ने एक कल्चरल इवेंट के दौरान देश विरोधी नारे लगाए थे, जहां पहले ये कहा गया कि ये नारे लेफ़्ट समर्थक दलों ने लगाए हैं जिसके बाद जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन के प्रेसिडेंट को गिरफ़्तार कर लिया गया, वहीँ बाद में विडियो से ये साफ़ हो गया कि नारे लगाने में लेफ़्ट के लोग न हो कर ABVP के लोग ही थे. हालाँकि ABVP ने इसमें शामिल होने से इनकार किया है.