भारत में राजनीतिक दलों के पास लाखों करोडो की पूजी अज्ञात स्त्रोत से प्राप्त की जाती है। करोड़ों रूपये रैली और जनसभाओं में खर्च किया जाता है। यह भारत में आम बात है लेकिन नोटबंदी ऐसे समय में नोटबंदी का फैसला लेने वाली सरकार ने राजनीतिक पार्टियों के खाते में जमा कराए जाने वाले लाखों करोड़ों रूपये की कोई जाँच न करने का फैलसा लेते हुए इसका औपचारिक ऐलान भी कर दिया है।
सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक स्वत्रंत कमीशन की मांग की है, जो सभी राजनीतिक दलों के पिछले 5 साल के खातों की जाँच करे। अरविंद केजरीवाल ने सरकार के फैसले को राजनीतिक दलों द्वारा करोड़ों रूपये ठिकाने लगाने की साजिश बताया।
प्रेस कांफ्रेसं को सम्बोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कल मोदी सरकार ने ऐलान किया था कि राजनीतिक पार्टियों द्वारा हजारों लाखों, करोड़ों रूपया अगर बैंक में जमा कराया जाता है तो उसकी कोई जांच नहीं कि जाएगी। ये बड़े ही दुख की बात है। कि सारा देश बैंकों की लाइन में खड़ा हुआ है और राजनीतिक दलों को ऐसी छूट दी जा रही है।
केजरीवाल ने कहा कि अगर राजनीतिक दलों का पैसा बिना जांच के इस तरह से सफेद किया जाएगा तो ये पूरे देश के साथ धोखा होगा। उन्होंने कहा सारा देश जानता है कि राजनीतिक दलों के पास ही सबसे अधिक काला धन है। ऐसे में उनका पैसा बिना जांच के सफेद करने की स्कीम देश के साथ धोखा होगा।
केजरीवाल ने मांग की कि एक स्वतंत्र कमिशन बनाया जाए जो सारे राजनीतिक दलों के पिछले 5 सालों के खातों की जांच करे। उनकी आय के सभी सोत्रों की जांच भी होनी चाहिए। इसमें अगर किसी राजनीतिक दल को एक पैसा भी कहीं से मिलता है तो उसका भी उल्लेख होना चाहिए।