राजनीतिक व सामाजिक संगठनों के साथ व्यापारी समुदाय की मांग, उद्योगपति अजीम प्रेमजी को राष्ट्रपति बनाया जाए

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में भाजपा की शानदार जीत और विभिन्न राज्यों में सरकार बनाने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के राष्ट्रपति के लिए अपना पसंदीदा उम्मीदवार ढूंढते नज़र आ रहे हैं. RSS की तरफ से शहीद बाबरी मस्जिद के आरोपी लालकृष्ण आडवाणी का नाम पेश किया जा रहा है, और विभिन्न तरीके से उनकी मार्केटिंग भी की जा रही है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके पिछले कारनामों से खुश नहीं होने की वजह से वह ऐसे व्यक्ति की खोज में हैं जिस से पूरा देश संतुष्ट हो।

करीबी सूत्रों का कहना है कि जिस तरह भाजपा के वरिष्ठ नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने देश को एक ऐसा राष्ट्रपति दिया था जिस पर आज भी लोग गर्व करते हैं, इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे व्यक्ति की खोज में हैं जिस पर पूरे देश को नाज हो। गौरतलब है कि 25 जुलाई 2017 को वर्तमान राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल पूरा हो रहा है वह 2012 में राष्ट्रपति चुने गए थे।

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मईशत न्यूज़ के मुताबिक, महाराष्ट्र के सीनियर कांग्रेसी नेता आसिफ फारूकी कहते हैं कि अज़ीम प्रेमजी का नाम एक अच्छा नाम है जबकि अतीत में भारतीय जनता पार्टी ने ऐसी मिसाल कायम की है कि वह मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम को राष्ट्रपति के पद पर नियुक्त किया है। मैं समझता हूँ कि उद्योगपति अजीम प्रेमजी ने देश को ऐसी सेवा दी है कि वह इस प्रतिष्ठा के हकदार समझे जा सकते हैं, वैसे भी भाजपा को एक ऐसे मुस्लिम चेहरे की जरूरत है जो उसकी छवि को मुसलमानों के बीच बेहतर बना सके।

सेवा फाउंडेशन के अध्यक्ष पूर्व विधायक एडवोकेट यूसुफ अब्रहानी कहते हैं कि अज़ीम प्रेमजी ने काफी भलाई के काम अंजाम दिए हैं, बुद्धि के साथ सौंदर्य भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है। मैं यह समझता हूँ कि उक्त पद के लिए यह सबसे अच्छा नाम है।

प्रसिद्ध पत्रकार आलम नकवी कहते हैं, “मेरे ख्याल से तो राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल के पद सिरे से खत्म कर दिए जाने चाहिए। यह महज सजावटी पद हैं जिनकी कोई उपयोगिता नहीं, सिवाय इसके कि जनता का पैसा उनके घरों राष्ट्रपति भवन और गवर्नर हाउसों पर हर महीने बर्बाद होता रहता है। हालांकि जब तक ऐसा न हो राष्ट्रपति के लिए अजीम प्रेमजी का नाम एक अच्छा विकल्प है। क्योंकि वह एक नेक नाम उद्योगपति हैं। अज़ीम प्रेमजी एजुकेशन फाउंडेशन एक महत्वपूर्ण संस्था है। अजीम प्रेमजी निजी जीवन में भी सादगी पसंद हैं। लेकिन एक विचार यह भी आता है कि कहीं मोदी सरकार उनका उपयोग भी उसी तरह न करे जिस तरह कांग्रेस सरकारों ने फखरुद्दीन अली अहमद और ज्ञानी जैल सिंह जैसे शरीफ इंसान का किया था। ‘
गौरतलब है कि अजीम प्रेमजी ने 27,514 करोड़ रुपये शैक्षिक सहायता के रूप में दिया है, जिसके जरिए वह गरीबों में शैक्षिक क्रांति लाने की कोशिश कर रहे हैं।