* 6 साल के दौरान 65 उप चुनाव , स्पीकर के ओहदे पर एक साल पुरा , एन मनोहर की नीजी बात चीत
हैदराबाद । आंधरा प्रदेश कि क़ानून बनाने वाली असेंबली के स्पीकर नादेनडला मनोहर ने चुने गए असेंबली सदस्यों के अस्तीफ़ों के सबब ज़बरदस्ती थोडे थोडे समय से उप चुनाव किए जाने पर सख़्त नाराजगी जाहिर कि है । स्पीकर के ओहदे पर एक साल पुरा होने के मौके पर मिडीया के नुमाइंदों से निजी बात चीत करते हुए मिस्टर मनोहर ने कहा कि असेंबली सदस्यों के ( किसी ना किसी वजह ) इस्तीफ़ों के सबब पिछ्ले छः साल के दौरान 65 उप चुनाव किए गए । जिस के नतीजे में लोगों कि रक़में बर्बाद हुइ हैं । इस के इलावा इंतेज़ामीया मफ़लूज होने से लोगों को दुश्वारियों का सामना करना पड़ा ।
निजी बात चीत के चंद मिनट बाद ही कांग्रेस के दो असेंबली सदस्य सौ जिया कृष्णा रंगा राउ ( बोबली ) और इला कृष्णा श्री निवास उर्फ़ नानी (एल्विरो) ने मिस्टर मनोहर से मुलाक़ात करते हुए इवान की सदस्य होने से अपने इस्तीफे पेश कर दिए । ये दोनों कांग्रेस छोड़ते हुए सरकारी तौर पर वाई एस आर कांग्रेस में शामिल होगएं । जिस के साथ ही 294 असेबली सदस्यों में हुक्मराँ पार्टी के सदस्यों की तादाद 151 होगई जो अक्सरियत के लिए मतलूब 148 से सिर्फ तीन ज़्यादा है ।
इस दौरान दुसरे दो असेंबली सदस्य द्वारा पौडी चंद्रशेखर रेड्डी और सिवा रूपा जियामणी ने भी वाई एस जगन मोहन रेड्डी और उन की पार्टी से यगानगत का इज़हार किया है । और उम्मिद कि जाती है कि वो भी बहुत जल्द कांग्रेस और असेंबली की रुकनीयत से अलग होजाएंगे ।
स्पीकर ने कहा कि लो कमीशन ने सिफ़ारिश की है कि अपनी रुक्नीयत से अलग होने वाले या नाअहल क़रार दीए जाने वाले सदस्यों को आइन्दा आम चुनाव तक किसी ताज़ा या उपचुनाव में हिस्सा लेने की इजाज़त ना दी जाए लेकिन हकूमत-ए-हिन्द ने अभितक इस ज़िमन में क़ानून नहीं बनाया है ।
इस दौरान समझा जाता है कि मिस्टर मनोहर सितंबर के दौरान पटना में होने वाले पर साईडिंग ऑफीसरों की कान्फ़्रैंस में एक मक़ाला पेश करते हुए असेंबली सदस्यों के इस्तीफ़ों के मसले पर अपने तजुर्बात ओर नज़रियात बयान करेंगे । स्पीकर ने इस एहसास का इज़हार भी किया कि हिंदूस्तान ने चूँकि बर्तानवी पार्लीमेंट्री निज़ाम अपनाया है चुनांचे मुंतख़ब सदस्य कानुन बनाने वाली कौंसल के इस्तीफ़ा के बारे में भी इसी तरीके पर अमल किया जाना चाहीए । जिस से फ़िल्मी ओर जज़बाती बुनियादों पर इस्तीफ़ों का सिलसिला ख़तम होगा और ग़ैर मतलूब ओर नापसंदीदा उप चुनाव से छुटकारा आसान होगा ।