राजा भैया की बराअत के ख़िलाफ़ प्रवीण आज़ाद की सी बी आई अदालत में अपील, 18 सितंबर को समाअत

सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत ने आज कुंडा (परताब गढ़) के मक़्तूल पुलिस सर्किल ज़िया उल-हक़ के मुआमला में कुंडा के आज़ाद रुक्न एसेंबली राजा रग्घू राज परताब सिंह उर्फ़ राजा भैया को क्लीनचिट देने के मुआमले के काग़ज़ात मक़्तूल की बीवी प्रवीण आज़ाद को फ़राहम करवा दिए।

अब इस पर बहस 18 सितंबर को होगी। कुंडा के पुलिस सर्किल ज़िया उल-हक़ की 3 मार्च 2013 -ए-को कुंडा के बिल्ली पूर गांव में गांव वालों के पुलिस तसादुम में मौत होगई थी। ज़िया उल-हक़ की बीवी प्रवीण आज़ाद ने मिनजुमला दीगर मुल्ज़िमीन के रुक्न एसेंबली राजा भैया को भी इस मुआमला में मुलव्वस क़रार दिया था।

गुजिश्ता दिनों सी बी आई ने इस क़तल मुक़द्दमा में सात मुल्ज़िमीन के ख़िलाफ़ अदालत में फ़र्द-ए-जुर्म दाख़िल किया लेकिन राजा भैया के ख़िलाफ़ कोई ठोस सबूत ना मिलने की बिना पर अदालत में उनको बेक़सूर क़रार दिया था। उसके बाद राज्य भैया उस मुक़द्दमा से बरी होगए थे।

प्रवीण आज़ाद ने राजा भैया के बरी किए जाने के ख़िलाफ़ सी बी आई की ख़ुसूसी अदालत में दर्ख़ास्त पेश की थी जिस पर इब्तिदा-ए-में सी बी आई ने प्रवीण आज़ाद को ये कह कर दस्तावेज़ात फ़राहम करने से इनकार कर दिया क्योंकि उसने प्रवीण आज़ाद की पुलिस रिपोर्ट पर तफ़तीश नहीं की।

इस बिना पर प्रवीण आज़ाद राजा भैया को बेक़सूर क़रार देने से मुताल्लिक़ दस्तावेज़ात फ़राहम नहीं किए जा सकते। प्रवीण आज़ाद के वकील ख़लीक़ अहमद सीता पूरी ने कहा कि प्रवीण आज़ाद इस मुक़द्दमा की असल फ़रीक़ हैं। उनके शौहर का क़तल हुआ इस लिए वो मुक़द्दमा की तमाम दस्तावेज़ात के मुशाहिदा की हकदार‌ हैं जबकि उन्होंने फ़रीक़ की हैसियत से अदालत में दर्ख़ास्त भी पेश की।