राजा भैया पर गिरफ्तारी की ‘तलवार’

नई दिल्ली, 08 मार्च: सीबीआई ने कुंडा के सीओ जियाउल हक कत्ल केस में चार एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच पूरी तरह अपने हाथों में ले ली है।

एजेंसी के लखनऊ सेंटर में जुमेरात को दर्ज इन एफआईआर में उत्तर प्रदेश के जेल और खुराक की फराहमी के साबिक वज़ीर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया पर कत्ल का मामला दर्ज किया गया।

उनका नाम सीओ जियाउल हक की बीवी की शिकायत पर दर्ज चौथी एफआईआर में है। इसके बाद उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पुलिस की दर्ज एफ आइ आर को ही अपनी एफआईआर (रेगुलर केस) का आधार बनाया है। इन एफआईआर में राजा भैया समेत 18 लोगों को नामजद किया गया है।

रियासत के वज़ीर ए आला अखिलेश यादव के दरखास्त पर डीओपीटी ने इस जांच की नोटिफिकेशन जुमेरात की सुबह सीबीआई को भेज दी। इसके साथ ही मुकदमा दर्ज करने की फार्मालिटी पूरी कर ली गई। सीबीआई ने दिल्ली हेडक्वार्टर से अपने दस चुनिंदा आफीसरों की टीम को लखनऊ रवाना किया है।

इस टीम की कियादत सीबीआई के डीआईजी अनुराग को सौंपा गया है। उधर लखनऊ ब्रांच की एक टीम ने कुंडा में ज़ाय वाकिया का दौरा किया। टीम ने वाकिआ के बारे में मुकामी पुलिस आफीसरो के अलावा कुछ दूसरे लोगों से भी पूछताछ की। ज़राए ने बताया कि जरूरत पड़ी तो जांच टीम सीओ की लाश का पोस्टमार्टम दुबारा करा सकती है।

चूंकि सीओ की बीवी परवीन आजाद ने अपने शौहर के कत्ल के लिए राजा भैया को साजिश का मुल्ज़िम ठहरायीं है और मारे गए प्रधान नन्हें व उसके भाई सुरेश के साथ ही कत्ल के मुल्ज़िम गुड्डू व राजीव वगैरह सभी राजा भैया के राबिता में रहे हैं, लिहाजा राजा भैया से इस मामले में पूछताछ होना तो तय है।

सीबीआई राजा भैया से पूछताछ करने से पहले कुछ बयान और सुबूत हासिल करेगी। ज़राए बताते हैं कि सीबीआई प्रतापगढ़ पुलिस की तरफ से मामले में गिरफ्तार लोगों को रिमांड पर हासिल कर उनसे पूछताछ करेगी। इसके अलावा मौके से पीठ दिखा कर भागने वाले पुलिस अहलकारो से भी पूछताछ की जाएगी।

इस मामले में सीबीआई ने पहली एफआईआर ग्राम प्रधान नन्हें यादव के कत्ल को लेकर दर्ज की है। दूसरी एफआईआर सीओ के कत्ल के मामले में रियासती पुलिस की शिकायत पर दर्ज की गई। जबकि तीसरी एफआईआर नन्हें के भाई सुरेश यादव के कत्ल की है।

चौथी एफआईआर में नामजद राजा भैया पर कत्ल, कत्ल की साजिश जैसे दफआत के साथ भीड़ को भड़काने से मुताल्लिक दफात भी लगाई गई हैं। मालूम हो कि यूपी पुलिस ने राजा भैया पर मुज़रिमाना साजिश का मामला दर्ज किया था।

ज़राए ने बताया कि चौथी एफआईआर राजा भैया के चलते सयासी लिहाज से भले ही हस्सास हो लेकिन जांच के लिहाज से सबसे पेचीदा दूसरी एफआईआर होगी। यह सीओ की मौत से मुताल्लिक है।

अब सीबीआई ही तय करेगी कि उसे किसे गिरफ्तार करना है? रियासती हुकूमत की इसमें सबसे ज्यादा दिलचस्पी है कि इस मामले की सच्चाई जल्द से जल्द सामने आए। रियासती हुकूमत की तरफ से पूरी मदद दी जाएगी। ऐसे वाकियत पर सियासत नहीं की जानी चाहिए।

अखिलेश यादव, वज़ीर ए आला ( उत्तर प्रदेश)

—-बशुक्रिया : अमर उजाला