राजीव गाँधी ट्रस्ट को 50 लाख नहीं, 75 लाख रूपए दान करना चाहते थे ज़ाकिर नायक

ज़ाकिर नायक की एनजीओ आईआरऍफ़ राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट को 75 लाख रूपये दान करना चाह रही थी। गृह मंत्रालय द्वारा की गयी जाँच में 50 लाख रूपये सामने आये थे, लेकिन आईआरऍफ़ ने पहले 50 लाख रूपये दान किये फिर बाद में 25 लाख रूपये किये गए जो की मुम्बई अस्पताल पहुंचा दिए गए जहां से ट्रस्ट को पैसे नहीं भेजे गये बल्कि खर्च कर दिए गए।

एनआईए जिसनै एनजीओ के अलग अलग परिसरों पर छापा मारा था वहां से जो दस्तावेज़ प्राप्त हुए उनमे ये बात साफ़ होती है कि पहले 50 लाख रूपये ट्रस्ट को भेजे गए और फिर बाद में 25 लाख जो की ट्रस्ट तक पहुँच नहीं पाए।

 

स्रोत के अनुसार 25 लाख का दान मुम्बई के अस्पताल द्वारा ट्रस्ट पहुंचना था। नवम्बर 2011 में आईआरऍफ़ ने एमएच साबू मैटरनिटी और जनरल अस्पताल को 30 लाख रूपये दान किये थे। ग्रह मंत्रालय अधिकार के अनुसार अस्पताल से ही 30 में से 25 लाख रूपये राजीव गांधी ट्रस्ट को भेजने को कहा गया था

एमएच साबू सिद्दीक़ी मैटरनिटी और जनरल अस्पताल के चेयरमैन डॉ. एआर सुमेर ने 30 लाख दान की बात को सही बताया और बताया कि आईआरऍफ़ ने उस 30 लाख में से 25 लाख रूपये ट्रस्ट को भेजने को कहा था। लेकिन हमने वहां भेजने को मना कर दिया था और बाद में वो पुरे 30 लाख रूपये अस्पताल के सामान में प्रयोग कर लिए गए।

 

अस्पताल प्रशासन के अनुसार लगभग 67 करोड़ रूपये हर साल दान के तौर पर प्राप्त होते हैं और अस्पताल पिछले 82 वर्ष से काम कर रहा है।

आईआरऍफ़ के प्रवक्ता ने कहा कि मैं आईआरऍफ़ पर लगे आरोपो पर कोई टिप्पणी नहीं करूँगा लेकिन हमारी एनजीओ समाजिक सेवा से जुड़े अस्पतालों और संगठनों को दान करती आई है। हम छात्रों को स्कालरशिप भी देते हैं। हमारी एनजीओ पर आरोप है कि हम स्कालरशिप द्वारा आईएस की मदद करते है जबकि हमारी स्कालरशिप का चेक सीधे संस्था को जाता है।

पहले ग्रह मंत्रालय द्वारा किये गए आईआरऍफ़ के परीक्षण के दौरान फॉरेन कॉन्ट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का तथाकथित उल्लंघन भी सामने आया ।

ग्रह मंत्रालय द्वारा राजीव गाँधी ट्रस्ट ने 50 लाख रूपये आईआर ऍफ़ से प्राप्त किये गए यह भी पाया गया। लेकिन बाद में कांग्रेस ने कहा कि 50 लाख रूपये प्राप्त हुए थे लेकिन नाइक पर चलते हाल के विवादों के बाद हमने पैसा वापस कर दिया था।

ग्रह मंत्रालय  के अनुसार एनआईए द्वारा प्राप्त दस्तावेज़ों में यह पाया कि एआईआरएफ द्वारा हरयाणा और उत्तर प्रदेश ट्रस्ट को भी दान किया गया था। जाँच में यह भी पाया कि मार्च 2013 में सिरसा के चौधरी देवी लाल मेमोरियल टेक्निकल एजुकेशन ट्रस्ट को 2.5 करोड़ रूपये दान किये गए थे

यूपी के  मेरठ मैनेजमेंट स्टडीज एसोसिएशन को भी 2 करोड़ की रकम दान के तौर पर दी गयी थी।

जांच अधिकारी द्वारा यह भी जांच में सामने आया की आईएस के सदस्य हैदराबाद के अबु अनस को एआईआरएफ द्वारा दो भागों में कुल 1.5 लाख रूपये स्कालरशिप के तौर दिए गए थे।

ग्रह मंत्रालय अधिकारी के अनुसार एक बार अबु को 70,000 फिर बाद में 80,000 रुपये दिए गए थे।