एक ख़ुसूसी टाडा अदालत ने राजीव गांधी क़त्ल केस के सज़ाए मौत पाने वाले मुल्ज़िम ए जी पर उरियो लिन की जानिब से दाख़िल करदा एक दर्ख़ास्त पर सी बी आई को नोटिस जारी करने की हिदायत की है।
दर्ख़ास्त में ख़ाहिश की गई थी कि राजीव गांधी क़त्ल मुआमले में की गई तहक़ीक़ात में उन गोशों पर भी रोशनी डाली जाये जिन्हें अब तक एहमियत का हामिल नहीं समझा गया। 30 मिनट तवील बंद कमरे में चलने वाली अदालती कार्रवाई के बाद टाडा अदालत के जज एन दंडा पानी ने सी बी आई को नोटिस जारी की।
13 सितंबर को दाख़िल करदा अपनी दर्ख़ास्त में सज़ाए मौत पाने वाले मुल्ज़िम ए जी परार योलन ने इस केस के उन तमाम वाक़ियात और डायरियों पर नज़र-ए-सानी की ख़ाहिश की थी जिन पर अब तक रोशनी नहीं डाली गई। याद रहे कि सी बी आई, SIT और उस की मॉनीट्रिंग एजेंसी ने क़त्ल की तहक़ीक़ात की थी।
जैन कमीशन आफ़ इंकुआयरी की दाख़िल करदा दर्ख़ास्त के मुताबिक़ इस बात का फ़ैसला किया गया कि साबिक़ वज़ीर-ए-आज़म राजीव गांधी के 21 मई 1991-ए-को हुए क़त्ल में वसी तर साज़िश का पता चली और ये बात मालूम करने के लिए कि उस में मज़ीद अफ़राद भी मुलव्वस होसकते हैं, मज़ीद तहक़ीक़ात लाज़िमी होगी।
पर उरियो लिन ने इल्ज़ाम आइद किया कि SIT और MDMA ने क़त्ल की तहक़ीक़ात सही ढंग से नहीं की ताकि ख़ातियों को गिरफ़्तार किया जा सके। क्योंकि राजीव गांधी क़त्ल केस में कई आला सतही अफ़राद भी मुबय्यना तौर पर मुलव्वस थे।