हैदराबाद।२८।मार्च:(सियासत न्यूज़)शहर के ग़रीब बेघर मुस्लमान शहरीयों केलिए इमकना कीफ़राहमी स्कीम राजीव गिरोहा कल्पा ग़ैर यक़ीनी सूरत-ए-हाल का शिकार दिखाई दे रही है । 2005मैं बेघर शहरीयों को तीस गज़ पर मकानात फ़राहम करने से राजीव गिरोहा कल्पा स्कीम के तहत दरख़ास्तें हासिल की गई थीं और एक हज़ार रुपय फी कस वसूले गए थे ।ग़रीब अवाम ने क़र्ज़ के ज़रीया हासिल की गई इस रक़म को दफ़्तर कुलैक्टर हैदराबाद में जमा करवा दिया था जिस के बाद दरख़ास्त गुज़ारों को राजीव गिरोहा कल्पा आई डी कार्ड भी दिया गया ।
बन्डुला गौड़ा एल्बी नगर और शहर के दीगर नवाही इलाक़ों में सरकारी आराज़ीयात पर हुकूमत की जानिब से मकानात अलॉट करने का ऐलान करके आलामीया भी जारी किया था जिस में एक हज़ार रुपय की अदाई के बाद मकान की इजराई औरमाबाद ग्यारह हज़ार रुपय अदा करने का ऐलान किया गया था ।
पिछले आठ साल सेअवाम बिलख़सूस मुस्लमान कलकटोरीट के चक्क्र काट रहे हैं जहां इंतिज़ामीया के मुतासबाना रवैय्या का शिकार हैं । मुताल्लिक़ा ओहदेदार दरख़ास्त गुज़ारों को सब्र से काम लेने का मश्वरा दे रहे हैं या फिर पच्चास रुपय रजिस्ट्रेशन फ़ीस कट करके 950 रुपय वापिस करने की धमकीयां दे रहे हैं जबकि दीगर दरख़ास्त गुज़ारों को मकानात अलॉट कर दिए गए । मुस्लिम दरख़ास्त गुज़ार को मूसिर नुमाइंदगी का फ़ुक़दान उनके हक़ से महरूमरखने का सबब बना हुआ है एक मुअम्मर शहरी सय्यद अली आदिल है ने बताया कि उन्हों ने अपनी अहलिया और बड़ी बहू के नाम से दो दरख़ास्तें 2005में दाख़िल की थीं और एक एक हज़ार रुपय भी अदा किए थे मगर आठ साल से वो दफ़्तर के चक्क्र काट रहे हैं उन की फ़र्याद सुनने वाला दफ़्तर में कोई नहीं है ।
उन्हों ने कहाकि मेरा ख़ानदान बड़ा है और मेरे पास सर छिपाने घर नहीं है और मेरा बड़ा लड़का जो आटो चलाकर अपना और अपने लवाहिक़ीन का पेट पालता है आठ साल से मुंतज़िर हैं कि हुकूमत सर छिपाने छत फ़राहम करेगी । इसतरह के और दरख़ास्त गुज़ार जिन में बुर्क़ापोश ख़वातीन की तादाद ज़्यादा है बरसों से कलकटोरीट के चक्क्र काट रहे हैं ।हुकूमत मुस्लमानों को सहूलयात फ़राहम करने ऐलानात तो कर रही है मगर अमली मैदान में उसकी कारकर्दगी सिफ़र है ।