राज्य सभा में लोक पाल बिल पेश

नई दिल्ली,३० दिसम्बर: (पी टी आई) लोक पाल के लिए एक तारीख़ी क़ानून बनाने की सिम्त मज़ीद एक क़दम उठाते हुए हुकूमत ने आज राज्य सभा में बिल पेश कर दिया लेकिन अपोज़ीशन ने उसे दस्तूर की ख़िलाफ़वरज़ी क़रार देते हुए मुस्तर्द कर दिया।

लोक पाल और लोक आयुक्त बिल 2011 को लोक सभा में पहले ही मंज़ूर किया जा चुका है। राज्य सभा में बिल पेश करते हुए मुमलिकती वज़ीर-ए-पार्लीमानी उमोर नारायण स्वामी ने मुख़्तलिफ़ पार्टीयों की जानिब से शदीद एतराज़ात के पेशे नज़र उस की मंज़ूरी से मुताल्लिक़ उठने वाले सवालात के दरमयान बल पर मुबाहिस का आग़ाज़ किया। राज्य सभा में यू पी ए को अक्सरीयत हासिल नहीं है।

हलीफ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने भी बल की मुख़ालिफ़त की है। अहम बल की मंज़ूरी केलिए ज़ोर देते हुए नारायण स्वामी ने कहाकि 27 अगस्त को ऐवान ने जिस तरह के जज़बा का इज़हार किया था उसी ख़ुतूत पर बल मंज़ूर किया जाना चाहीए।

अरूण जेटली के इलावा दीगर अरकान ने बल की मुख़ालिफ़त की जबकि कांग्रेस के अभीशक सिंघवी ने जेटली के इस्तिदलाल को मुस्तर्द करदिया और कहाकि बी जे पी एस मसला पर ग़ैर ज़रूरी नफ़सियाती ख़ौफ़ पैदा कर रही है।

बिल के ताल्लुक़ से यू पी ए की हलीफ़ पार्टीयों में ही इख़तिलाफ़ राय पाए जाने की निशानदेही करते हुए जेटली ने कहाकि तृणमूल कांग्रेस ने बल के मुख़्तलिफ़ दफ़आत पर अपने एतराज़ात पेश किए हैं। बहुजन समाज पार्टी के रुकन एससी मिश्रा ने भी बल पर तन्क़ीद की।

एहतिजाज के दौरान कांग्रेस अरकान ने कहाकि हुक्मराँ पार्टी के लिए आज का दिन अफ़सोसनाक है। अपोज़ीशन को उन की बात पुरसुकून अंदाज़ में समाअत करने की ज़रूरत ही। बेहस के दौरान जेटली और सिंघवी के दरमयान गर्मा गर्म लफ़्ज़ी झड़प भी हुई।