राज ठाकरे के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट्स जारी

नई दिल्ली, २९ सितंबर ( पी टी आई) महाराष्ट्रा नव निर्माण सेना (MNS)सरबराह राज ठाकरे को दिल्ली की एक अदालत की जानिब से ग़ैर ज़मानती वारंट्स की इजराई अमल में आई है क्योंकि 2008 में शुमाली हिंद हिंदूस्तानियों ख़ुसूसी तौर पर बिहारी बाशिंदों के ख़िलाफ़ नफ़रतअंगेज़ ब्यानात देने पर उन के ख़िलाफ़ दो शिकायतों का इदख़ाल (प्रवेश) अमल में आया था ।

जिस पर उन्हें शख़्सी तौर पर अदालत में हाज़िर होने का हुक्म दिया गया था लेकिन राज ठाकरे अदालत में हाज़िर नहीं हुए । एडीशनल चीफ़ मेट्रोपोलेटिन मजिस्ट्रेट मनीष यादव निशी ने ग़ैर ज़मानती वारंटस की इजराई ( जारी करने) का हुक्म दिया जो 17नवंबर तक वापसी होंगे ।

राज ठाकरे को 31अगस्त को समन की इजराई अमल में आई थी लेकिन उन्होंने अदालत में शख़्सी ( निजी / व्यक़्तिगत) तौर पर हाज़िरी से इस्तिस्ना की दरख़ास्त की थी । दिल्ली की अदालत ने इस बात का भी ख़ुसूसी नोट लिया है कि राज ठाकरे के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वारंट्स जमशेद पुर और मुज़फ़्फ़रपुर की अदालत की जानिब से बिलतर्तीब 16 दिसम्बर 2008 और 11नवंबर 2009 को जारी किए गए थे ।

उन वारंटस की इजराई के पस-ए-मंज़र में सुप्रीम कोर्ट को राज ठाकरे की एक दरख़ास्त मौसूल ( प्राप्त) हुई थी जिस में उन्होंने इस्तिदा ( निवेदन) की थी कि उन्हें चूँकि अपनी जान का ख़तरा है लिहाज़ा वो बिहार और झारखंड की अदालतों में शख़्सी तौर पर हाज़िर नहीं हो सकते जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने उन के ख़िलाफ़ केसों को गुज़शता साल दिल्ली मुंतक़िल ( Transfer) कर दिया था ।

मेट्रो पोलीटन मजिस्ट्रेट के मुताबिक़ राज ठाकरे के ख़िलाफ़ ताज़ा वारंTस जारी किए जाने चाहीए क्योंकि उन्होंने शख़्सी तौर पर हाज़िरी से इस्तिस्ना तलब किया था। याद रहे कि राज ठाकरे के ख़िलाफ़ दो दरख़ास्तें सुधीर कुमार और सुधीर कुमार ओझा नामी अश्ख़ास ( व्यक़्तीयो) ने दाख़िल किए थे दोनों ही बिहार के शहरी हैं ।

राज ठाकरे ने बिहार में मनाए जाने वाले ख़ुसूसी हिन्दू त्योहार छट्ट पूजा को एक ड्रामा क़रार दिया था ।