राडिया टेप्स: सुप्रीम कोर्ट में फ़िल्मबंदी के साथ मुक़द्दमा की समाअत

सुप्रीम कोर्ट ने आज दो घंटा तवील साबिक़ कॉरपोरेट पैरोकार नीरा राडिया फ़ोन टेपिंग मुक़द्दमा की समाअत की, जिस की फ़िल्मबंदी भी की गई।

मर्कज़ी हुकूमत का मौक़िफ़ मालूम किया गया और इंतिहाई खु़फिया दस्तावेज़ात का जायज़ा लिया गया जो नीरा राडिया के टेलीफ़ोन कालस में सरकारी मुदाख़िलत की बुनियाद हैं। ये कार्रवाई जस्टिस जी एस सिंघवी और जस्टिस वी गोपाल गौड़ पर मुश्तमिल बंच के इजलास में की गई।

मुक़द्दमा की समाअत का आग़ाज़ 10:30 बजे दिन हुआ और ये 12:30 बजे दिन तक जारी रही, जिस में दो ऐडीशनल सालीसीटर जनरलस, सी बी आई, महकमा इनकम टैक्स और वज़ारत-ए-दाख़िला के ओहदेदारों को कमरा अदालत में दाख़िल होने की इजाज़त दी गई।

तमाम ऐडवोकेटस जो मुख़्तलिफ़ फ़रीक़ों की, सहाफियों की और दीगर अफ़राद की पैरवी कररहे थे, को कमरा अदालत में दाख़िला की इजाज़त नहीं दी गई। सुप्रीम कोर्ट की बंच ने मुकम्मल कार्रवाई की फ़िल्मबंदी की और मुक़द्दमा की आइन्दा समाअत एक‌ अक्टूबर को मुक़र्रर करदी।

27 अगस्त को बंच ने फ़ैसला किया था कि मुक़द्दमा की कार्रवाई फ़िल्मबंदी की जाएगी हालाँकि तहत की अदालतों में हस्सास मुक़द्दमात की कार्रवाई की फ़िल्मबंदी की जाती है ताहम सुप्रीम कोर्ट में ऐसी कार्रवाई हालिया सालों में सिर्फ़ दूसरी बार देखी गई।