राफेल डील पर सुप्रीम कोर्ट में बुधवार की सुनवाई के बाद पार्टी कांग्रेस एक बार फिर मोदी सरकार को निशाने पर ले रही है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए काफी सबूत हैं. सुप्रीम कोर्ट में राफेल मामले की पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान केंद्र ने अदालत को बताया कि राफेल से संबंधित अति महत्वपूर्ण दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं.
राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘राफेल घोटाले में प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के काफी प्रमाण हैं. भ्रष्टाचार उन्हीं से शुरू होता है और उन्हीं के साथ खत्म होता है. राफेल के जो महत्वपूर्ण दस्तावेज उन्हें (मोदी) फंसा रही है उसे सरकार ‘चोरी की गई’ बता रही है. यह सबूत को मिटाने और इसे छिपाने का प्रयास है.
इससे पहले पीएम मोदी पर राफेल सौदे में बैंक गारंटी माफ कर भारतीय खजाने की कीमत पर दसॉ एविएशन को समृद्ध करने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि मोदी के खिलाफ भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत जांच की जानी चाहिए.
भारतीय समझौता दल (आईएनटी) के दस्तावेजों का हवाला देते हुए कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने यह भी दावा किया कि 36 राफेल विमानों को खरीदने के सौदे को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल द्वारा अंतिम रूप दिया गया था. इसमें इसकी कीमत भी शामिल है.
उन्होंने यह भी कहा कि अप्रैल 2015 में मोदी ने विमानों के लिए जिस कीमत की घोषणा की थी, वह यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) द्वारा किए गए सौदे से कही ज्यादा थी. उन्होंने प्रधानमंत्री पर संसद में कीमत के बारे में झूठ बोलने का आरोप लगाया.
सुरजेवाला ने कहा, ‘राफेल सौदे में भ्रष्टाचार और गड़बड़ी सबके सामने आ गई है. मोदी ने दसॉ एविएशन को फायदा पहुंचाने के लिए अपने पद का दुरुपयोग किया और लगातार सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाया.’
सुरजेवाला ने मीडिया को बताया, ‘आईएनटी के मुताबिक, नए सौदे के अंतर्गत 36 विमानों की कीमत 63,450 करोड़ रुपये है, न कि 59,175 करोड़ रुपये, जिसका बीजेपी के विभिन्न मंत्री और सरकार दावा कर रही है. गौर करने वाली बात यह है कि विमानों की आपूर्ति 1.22 फीसदी मंहगाई दर के साथ 10 वर्षों में की जाएगी, जिससे विमानों की कीमत 67,500 करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगी.’