राफेल विवाद के बीच सरकार ने शुरू की 1.4 लाख करोड़ के लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी

अभी राफेल डील पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन खबर है कि केंद्र सरकार ने शुरुआती तौर पर 114 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए हामी भर दी है, जिनकी कीमत 1.4 लाख करोड़ रुपए बताई जा रही है.

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक, इस लिस्ट में 7 कंपनियां मुकाबले में हैं. रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल सितंबर एंड या अक्टूबर के शुरू में 114 जेट को खरीदने को मंजूरी दे सकती है.

इस प्रस्तावित डील के मुताबिक पहले 18 जेट विमान 3-5 वर्षों के अंदर भारत में भेजे जाएंगे और बाकी लड़ाकू विमानों को भारत में ही बनाया जाएगा. यह सब स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप पॉलिसी के तहत होगा.

खबर के मुताबिक इस डील के लिए रशियन कंपनी सबसे आगे है. रशियन सुखोई-35 इस रेस में शामिल हो चुका है और इंडियन एयर फोर्स (IAF) द्वारा अप्रैल में निकाले गए टेंडर में अपनी बिड लगा चुका है. इसके अलावा F/A-18 और F-16 (अमेरिका), Gripen-E (स्वीडन), MiG-35 (रूस), Eurofighter Typhoon और राफेल इस रेस में शामिल हैं.

हालांकि इस पूरे कॉन्ट्रेक्ट को पूरा होने में 4-5 साल का समय लगेगा. खबर के मुताबिक एक फाइटर जेट की कीमत करीब 100 मिलियन यूएस डॉलर के आसपास पड़ेगी जिसपर अलग से 100 मिलियन यूएस डॉलर का खर्च और किया जाएगा.

भारतीय वायुसेना चाहती है कि इस पूरी प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए लेकिन फिलहाल ऐसा होता नहीं दिख रहा. स्ट्रेटजिक पार्टनरशिप होने के चलते यह प्रोसेस थोड़ी मुश्किल बन जाती है. इसमें किसी भारतीय कंपनी को स्ट्रेटजिक पार्टनर बनाया जाएगा.

सरकार द्वारा 114 विमान खरीदने की शुरुआती मंजूरी मिलने के बाद, सातों कंटेडर्स को तीन महीने का समय दिया जाएगा. इस पूरी प्रक्रिया में काफी समय भी लग सकता है.