दो दिन रामपाल के हामियों के साथ टक्कर लेने वाली हरियाणा पुलिस इस नतीजे पर पहुंची है कि वे एक मंसूबा बंद फौज के साथ लड़ रहे थे| जिसमें फौज, पुलिस और एनएसजी व एसपीजी जैसे स्पेशल सेक्युरिटी फोर्स से रिटायर 300 कमांडों भी शामिल थे| इन दो दिनों में पुलिस को गोलियों और आसूं गैस के गोलों का भी सामना करना पड़ा| खुफिया जानकारी से इस बात का पता चलता है कि रिटायर ”300 कमांडों की इस फोर्स में ज्यादातर मर्द शामिल थे, जिनकी उम्र 25 से 35 साल के बीच थी|
हरियाणा के चीफ सेक्रेटरी संजीव कौशल ने कहा, इन लोगों ने पुलिस के खिलाफ .315 राइफल, .32 बोर रिवोल्वर व देशी कट्टों से पुलिस पर हमला किया था | ऐसा लगता है मानो इनके पास हर तरह के हथियार मौजूद थे| इस हमले में पुलिस के दो जवानों को गोलियां लगी, जबकि 9 जवान पेट्रोल बमों के हमलों से बुरी तरह जल गए|
एक अंग्रेजी अखबार को हरियाणा पुलिस के एक आफीसर ने बताया कि इन लोगों का जिस तरह का पहनावा था, उससे यही लग रहा था मानो ये कोई ब्लैक कैट कामांडों हों| आफीसर ने कहा कि, उनके कमांडों स्किल्स को देखते हुए ये पता लग रहा था कि वो रामपाल के लिए तैनात उसके कमांडों हैं| उन लोगों ने काले रंग के कपड़ों के साथ काले रंग के बैंड भी पहन रखे थे, ताकि वो अपनी पहचान को एक ब्लैक कैट कमांडों के तौर पर दिखा सकें|
हरियाणा के डीजीपी एस एन वशिष्ट (डायरेक्टर जनरल ऑफ पुलिस) ने इस बात पर रज़ामंदी जताते हुए कहा कि पुलिस, फौज व दिगर खुसूसी सेक्युरिटी फोर्स से रिटायर इन लोगों के पास लाइसेंसी हथियार थे| हमारी ओर से किसी भी तरह की खुफिया नाकाम नहीं थे और जो इसमें मुजरिम पाए जाएंगे उन्हें बक्शा नहीं जाया जाएगा|
रामपाल के इन कमांडों के हमला के तरीके के बारे में पूछे जाने पर डीजीपी ने बताया कि इन लोगों ने पुलिस पर हमला करने के लिए एसिड के पाउच, पेट्रोल बम और खाना बनाने के इस्तेमाल में आने वाले एलपीजी सिलेंडरों तक का इस्तेमाल किया है| साथ ही उन्होंने कहा कि इन लोगों ने आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली चीज़ों को हथियारों बनाकर हमला किया था|